फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडिटर सुनील जैन का निधन हो गया है. सुनील जैन कुछ ही दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था. उनकी बहन संध्या जैन ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टरों की टीम ने लगातार सुनील जैन को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो पाए.
सुनील जैन की बहन संध्या जैन ने ट्विटर पर बताया कि, मैंने आज कोरोना के चलते अपने भाई को खो दिया. एम्स के डॉक्टरों-स्टाफ ने काफी लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका. उन सभी लोगों का धन्यवाद देना चाहती हूं, जो सबसे मुश्किल दिनों में उनके साथ खड़े थे.
एम्स में भर्ती होने के बाद किया था ट्वीट
सुनील जैन की तबीयत बिगड़ने के बाद जब उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था तो उन्होंने खुद ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी थी. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि, अब मैं एम्स इमरजेंसी में हूं, इसीलिए मैं अब सुरक्षित हाथों में हूं. आप सभी का मदद के लिए धन्यवाद.
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
सुनील जैन के निधन की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया. पीएम मोदी ने लिखा कि, सुनील जैन आप जल्दी चले गए. मैं आपके कॉलम पढ़ने और तमाम मुद्दों को लेकर आपके विचारों को मिस करूंगा. आप अपने पीछे अपने काम की प्रेरक छाप छोड़ गए. आपके दुखद निधन से पत्रकारिता आज कमजोर हुई है. परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना.
कोरोना और सरकार पर आखिरी आर्टिकल
कोरोना संक्रमित होने के बाद बीमारी के दौरान ही सुनील जैन ने अपना आखिरी आर्टिकल भी कोरोना मैनेजमेंट पर लिखा था. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के इस आर्टिकल का टाइटल था- "Covid is the enemy, not the government" यानी- दुश्मन कोरोना है, सरकार नहीं.
अपने इस आर्टिकल में उन्होंने बताया था कि, उनका टेंपरेचर पिछले एक हफ्ते से 102 डिग्री तक पहुंच रहा है और ऑक्सीजन लेवल 88 पर है. उन्होंने इस आर्टिकल में अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर आने वाले कुछ मैसेज का जिक्र कर बताया था कि, तमाम लोग बता रहे हैं कि मोदी ने ये सब किया है. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि लोग मर रहे हैं. उन्होंने खुद को ऊंचा दिखाने के लिए कुंभ का आयोजन कराया. वैक्सीन मैनेजमेंट को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.
जैन ने अपने आर्टिकल में लिखा था कि, भले ही मोदी सरकार ने कई गलत कदम उठाए, लेकिन उन्हें सही करने की कोशिश भी की जा रही है और कौन सी सरकार ऐसी रही, जिसने कोरोनाकाल में गलतियां नहीं की हैं? उन्होंने इस आर्टिकल में लिखा कि, इस वक्त अगर मनमोहन सिंह की भी सरकार होती तो वो भी शायद बहुत कुछ नहीं कर पाती.
सुनील जैन ने क्विंट हिंदी के साथ दिसंबर 2020 में आखिरी इंटरव्यू किया था. जहां उन्होंने टेलीकॉम सेक्टर एजीआर बकाए को लेकर विस्तार से कोर्ट और सरकार के कदम को समझाया था. इस पूरे इंटरव्यू को आप यहां देख सकते हैं.
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