ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम में इमरजेंसी यूज की अनुमति मिल गई है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि सरकार ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को ऑथोराइज करने के मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) की सिफारिश को मान लिया है.
ये दूसरी वैक्सीन है जिसे यूके में अनुमति दी गई है. इससे पहले यूनाइटेड किंगडम फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन को अप्रुवल देने वाला पहला देश बना था.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूके ने 50 मिलियन लोगों को वैक्सीन देने के लिए करीब 100 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया है.
यूके में अभी तक 6 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. ट्रायल्स से बाहर वैक्सीन की पहली खुराक 8 दिसंबर को 90 साल की ब्रिटिश महिला मार्गरेट कीनन को दी गई थी.
इन कारणों से किफायती है ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड-Astrazeneca की वैक्सीन 90% तक प्रभावी दिखी है. दूसरी वैक्सीन के मुकाबले, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को स्टोर करना भी आसान है. इसे रखने के लिए डीप कोल्ड स्टोरेज की जरूरत नहीं होती. इस वैक्सीन को फ्रिज के स्टैंडर्ड टेंपरेचर पर स्टोर किया जा सकता है. वहीं, फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन को -70 डिग्री के तापमान पर स्टोर करना होता है.
भारत में भी मिल सकती है जल्द अनुमति
ऑक्सफोर्ड इस वैक्सीन को भारत में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ मिलकर डेवलप कर रहा है. भारत में वैक्सीन का नाम कोविशील्ड (Covishield) है. कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को जल्द अनुमति मिल सकती है.
भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन की मैन्युफैक्चकिंग और टेस्टिंग कर रहे SII ने पिछले हफ्ते नेशनल ड्रग्स रेगुलेटर को एडिशनल डेटा सबमिट किया था. SII ने वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर सबसे पहले 9 दिसंबर को ड्रग्स रेगुलेटर को आवेदन किया था.
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