ADVERTISEMENTREMOVE AD

UP: ऑक्सीजन मॉक ड्रिल में कोरोना मरीजों की मौत के आरोप, जांच शुरू

आगरा के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के बीच अप्रैल में हुआ मॉक ड्रिल, कई मरीजों की मौत का आरोप

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक अस्पताल मालिक का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो दावा करता दिख रहा है कि उसने 27 अप्रैल को अपने अस्पताल में 5 मिनट के लिए मॉक ड्रिल के तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी. कथित वीडियो में सुना जा सकता है कि अस्पताल मालिक ने ऐसा करने के पीछे उन मरीजों की पहचान करने को वजह बताया, जिनकी बिना ऑक्सीजन के मौत हो सकती है. अब इस पूरे मामले में जांच की बात कही गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मरीजों की पहचान के लिए मॉक ड्रिल

अस्पताल मालिक के कथित वीडियो क्लिप में वो कहता हुआ सुनाई दे रहा है,

“हमें ये बताया गया कि मुख्यमंत्री तक को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है, इसीलिए हमने मरीजों को डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया. हमने परिवारों को समझाना शुरू किया. इनमें से कुछ लोग मान गए, लेकिन कुछ ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वो नहीं जाएंगे. तो मैंने कहा कि ठीक है एक मॉक ड्रिल करते हैं. हम पता लगाएंगे कि कौन मर सकता है और कौन जिंदा रहेगा. तो हमने सुबह 7 बजे एक मॉक ड्रिल किया. किसी को पता नहीं चला. इसके बाद हमने 22 मरीजों की पहचान की, हमें लगा कि इनकी मौत हो सकती है. ये 5 मिनट तक की गई. वो सभी नीले पड़ने लगे थे.”
0

22 मरीजों की मौत के दावे को डीएम ने किया खारिज

अब यूपी सरकार इस मामले की जांच करेगी कि, कैसे अस्पताल मालिक ने 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी थी. अप्रैल में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर दिखाई दिया था, उसी दौरान अस्पताल मालिक ने दावा किया था कि उसके अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है.

बताया गया था कि, श्री पारस अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान 96 कोरोना मरीज भर्ती थे. जिनमें से करीब 22 मरीजों की मौत का दावा किया गया.

हालांकि आगरा डीएमका कहना है कि, ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में कोरोना मरीजों को मिलाकर कुल 7 मरीजों की मौत का आरोप है. अस्पताल में कुल 22 लोग गंभीर हालत में भर्ती थे, जिनकी मौत की कोई जानकारी नहीं है. उनकी मौत को लेकर जो बात हो रही है, उसकी जांच करेंगे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अस्पताल मालिक ने कहा- ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हुई थी बंद

अब इस घटना के सामने आने के बाद और जांच शुरू होने के बाद अस्पताल के मालिक ने अपनी सफाई में कहा कि, हम ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा,

“अप्रैल के तीसरे हफ्ते में जब ऑक्सीजन किल्लत थी तो हम मरीजों की पहचान कर रहे थे कि कौन सा मरीज हाई फ्लो पर है और कौन सा लो फ्लो पर है. मॉक ड्रिल का मतलब किसी घटना के लिए ऐहतिहात बरतना होता है. इसमें हमने ऑक्सीजन बंद नहीं की है. इसमें 22 मरीजों को छांटा गया. इतना पुराना वीडियो वायरल करने की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं. अब तक ये सार्वजनिक क्यों नहीं हुआ. हमारे यहां 26 और 27 अप्रैल को 22 मरीजों की मौत नहीं हुई है. इन दो दिनों में 7 लोगों की मौत हुई.”
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बता दें कि इसी अस्पताल के मालिक के खिलाफ 17 अप्रैल 2020 को एक मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि, इस हॉस्पिटल से इलाज कराकर लौटने वाले आगरा, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़ के अलावा कन्नौज व ओरैया आदि दस जिलों के मरीजों में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था. जिससे कई और लोग भी संक्रमित हुए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×