उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए अपनी गाइडलाइन में बदलाव किया है. सरकार ने अब कोरोना मरीजों को उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर भर्ती करने की छूट दे दी है. इससे पहले इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के जरिए ही अस्पतालों में मरीजों को भर्ती किया जा रहा था. इसके अलावा लखनऊ के कई अस्पतालों में में सीएमओ के रेफरल लेटर की भी मांग की जा रही थी. जिसे लेकर यूपी सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी.
सोशल मीडिया पर हुई खूब चर्चा
लखनऊ में जब कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए सीएमओ का रेफरल लेटर मांगा जाने लगा तो सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हुई. लोगों ने सवाल उठाए कि इस महामारी में लोगों को सुविधा देने की बजाय उनसे रेफरल लेटर की मांग की जा रही है. पिछले कई दिनों से इस सिस्टम को खत्म करने की मांग उठ रही थी, जिस पर अब आखिरकार यूपी सरकार ने फैसला लिया है.
हालांकि सरकार का ये कहना था कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में रेफरल लेटर नहीं, बल्कि इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर पर कॉल करने के बाद भर्ती कराने का नियम था.
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों को उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर भर्ती कर पाएंगे. अब सिर्फ 10 फीसदी बेड्स को ही इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के लिए आरक्षित रखा जाएगा.
यूपी सरकार की तरफ से जारी निर्देश
इसके अलावा भी प्राइवेट अस्पतालों के लिए सरकार की तरफ से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिनमें-
- निजी अस्पताल प्रतिदिन सुबह 8 बजे और शाम को 4 बजे अपने बेड्स की जानकारी अस्पताल के बाहर लगाएंगे. जिससे लोगों को अपडेट मिल सके, यही जानकारी कोविड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी होगी.
- निजी अस्पतालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और सरकार की तरफ से तय की गई फीस ही लोगों से वसूली जाएगी. इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी.
- जिला प्रशासन सभी कोविड बेड्स की संख्या और उनकी तमाम जानकारी के साथ नोडल अधिकारी का पूरा ब्योरा समाचार पत्रों में विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित करवाएंगे. इसमें हॉस्पिटलों के लिए निर्धारित किए गए रेट भी शामिल होंगे.
- स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों, राजकीय मेडिकल कालेजों तथा निजी मेडिकल कालेजों में कोविड मरीजों के भर्ती की प्रकिया इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर के माध्यम से की जाएगी.
- निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीज अपनी व्यवस्था से अस्पताल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे लेकिन अगर किसी मरीज के द्वारा इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से एम्बुलेंस की मांग की जाती है तो संबंधित निजी अस्पताल के भर्ती करने के लेटर के आधार पर एंबुलेंस तत्काल उपलब्ध करवाई जाएगी.
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा नियमित रूप से इन निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि इनके द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है , मरीजों का समुचित उपचार किया जा रहा है तथा निर्धारित दर पर ही फीस ली जा रही है.
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