अमेरिका ने COVID-19 वैक्सीन के उत्पादन में काम आने वाले प्रमुख कच्चे माल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के पक्ष में तर्क देते हुए कहा है कि उसका पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की जरूरतों को देखना है.
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब यह पूछा गया कि बाइडेन प्रशासन कोरोना वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक को उठाने के भारत के अनुरोध पर कब फैसला लेगा तो उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका सबसे पहले, और जो जरूरी भी है, अमेरिकी लोगों के टीकाकरण के काम में लगा है. यह टीकाकरण प्रभावी और अब तक सफल रहा है.’’
प्राइस ने कहा, ‘‘यह अभियान बेहतर ढंग से चल रहा है और हम यह कुछ वजहों से कर रहे हैं. पहला, अमेरिकी लोगों के प्रति हमारी विशेष जवाबदेही है. दूसरा, किसी भी अन्य देश के मुकाबले अमेरिकी लोगों को इस बीमारी से सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. अकेले अमेरिका में ही लाखों लोगों को संक्रमण हुआ है और साढ़े पांच लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं.’’
उन्होंने कहा कि यह न केवल अमेरिका के हित में है कि बल्कि यह बाकी दुनिया के भी हित में है कि अमेरिका के सभी लोगों को वैक्सीन लगे.
प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक बाकी दुनिया की बात है, ‘‘हम अपने पहले दायित्व को पूरा करने के साथ जो कुछ भी कर सकेंगे वो करेंगे.’’
भारत में इन दिनों कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, देश में 24 घंटे के दौरान 3.32 लाख नए मामले सामने आने से कुल केस16263695 तक पहुंच गए हैं. वहीं, एक्टिव केस की संख्या 24 लाख के पार पहुंच गई है.
बाइडेन प्रशासन ने हाल ही में भारत को भेजे मैसेज में कहा था कि वो भारत की औषधीय जरूरतों को समझता है और वो मामले पर गौर करेगा.
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