कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स के नाम उनकी उत्पत्ति वाले देश से जोड़ने पर का कई देशों में विरोध हो रहा है. इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस के नए वेरिएंट्स के लिए लेबल की घोषणा की है. कोरोना वेरिएंट्स के ये नए नाम ग्रीक एल्फाबेट के आधार पर रखे गए हैं. WHO ने कहा कि वेरिएंट्स को ये नाम आम बोलचाल की भाषा को आसान बनाने, और उनकी उत्पत्ति वाले देशों से लेबल हटाने के लिए किया गया है.
भारत में मिले B.1.617.2 कोविड वेरिएंट को ‘डेल्टा’ नाम दिया गया है, वहीं पहले मिले B.1.617.1 वेरिएंट को ‘कप्पा’ नाम दिया गया है.
लेबल की घोषणा करते हुए WHO में कोविड-19 टेक्नीकल लीड, Maria Van Kerkhove ने कहा, “लेबल मौजूदा वैज्ञानिक नामों को रिप्लेस नहीं करते हैं, जिनमें जरूरी वैज्ञानिक जानकारी होती और ये रिसर्च में उपयोग किए जाते रहेंगे. ये लेबल VOC/VOI के बारे में सार्वजनिक चर्चा में मदद करेंगे, क्योंकि नंबरिंग सिस्टम का पालन करना मुश्किल हो सकता है.”
Kerkhove ने कहा कि वेरिएंट का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए किसी भी देश पर लेबल नहीं लगाया जाना चाहिए.
नए वेरिएंट्स को दिए गए ये नाम
यूनाइटेड किंगडम (UK) में मिले वेरिएंट B.1.1.7 को ‘अल्फा’ नाम दिया गया है. दक्षिण अफ्रीका में रिपोर्ट किए गए वेरिएंट B.1.351 को ‘बीटा’, ब्राजील में मिले P.1 वेरिएंट को ‘गामा’ और P.2 को ‘जीटा’, अमेरिका में मिले वेरिएंट B.1.427/B.1.429 को ‘एपसिलन’ और B.1.526 वेरिएंट को ‘आयोटा’, फिलिपींस में मिले P.3 वेरिएंट को ‘थीटा’, और कई देशों में रिपोर्ट हो चुके B.1.525 को ‘एटा’ नाम दिया गया है.
Kerkhove ने कहा कि जब ग्रीक अल्फाबेट के 24 लेटर्स खत्म हो जाएंगे, तो ऐसी ही दूसरी सीरीज से नए नाम निकाले जाएंगे.
भारतीय वेरिएंट पर WHO ने दी थी सफाई
B.1.617 को इंडियन वेरिएंट बुलाए जाने के विवाद के बाद, WHO ने 12 मई को ट्वीट में सफाई देते हुए कहा था कि वो वायरस या वेरिएंट को उनके साइंटिफिक नामों से पहचनाता है, न कि जिस देश में वो सबसे पहले रिपोर्ट हुए हों.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने B.1.617 को इंडियन वेरिएंट कहे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि इसे इंडियन वेरिएंट का नाम नहीं दिया गया है, और WHO ने 32 पन्नों के अपने डॉक्यूमेंट में B.1.617 वेरिएंट के लिए ‘भारतीय वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. सरकार ने कहा कि इस मामले पर पूरी रिपोर्ट में कहीं भी ‘इंडियन’ शब्द का जिक्र नहीं है.
पिछले साल, कोविड-19 के सामने आने के बाद, इस चीनी वायरस और वुहान वायरस जैसे नामों से बुलाया गया था. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कई मौकों पर इसे 'चीनी वायरस' कहा था.
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