असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा की सजा को चुनाव आयोग ने अब कम कर दिया है. बिस्वा के चुनाव प्रचार पर आयोग ने 48 घंटे तक की रोक लगाई थी. लेकिन अब चुनाव आयोग ने अपने फैसले को बदलकर सिर्फ 24 घंटे का ही बैन लगाने की बात कही है. हेमंत बिस्वा सरमा ने बीपीएफ के चेयरमैन को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें सरमा ने उन्हें एनआईए की धमकी दी थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल असम सरकार में मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने बीपीएफ के उम्मीदवार को धमकाने के लिए एनआईए का नाम लिया. आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर उन्हें जेल भिजवाने की धमकी दी थी. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बिस्वा सरमा को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. आखिरकार 2 अप्रैल को उन पर 48 घंटे के चुनाव प्रचार का बैन लगाया गया.
भाई का हुआ ट्रांसफर
चुनाव आयोग ने हेमंत बिस्वा सरमा के भाई के आदेश जारी किए हैं. बीजेपी नेता के भाई सुशांस बिस्वा सरमा गोपालपाड़ा में बतौर एसपी तैनात हैं. जिनका अब ट्रांसफर हो चुका है. उन्हें पुलिस हेडक्वॉर्टर भेजने का आदेश जारी हुआ है. उनकी जगह पर वीरा राकेश रेड्डी को गोपालपाड़ा का एसपी नियुक्त किया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)