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बाहुबली नेता अतीक अहमद ने छोड़ा मैदान, मोदी के खिलाफ भरा था पर्चा

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे अतीक अहमद

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वाराणसी सीट पर अब एक और उम्मीदवार चुनावी मैदान से हट चुका है. पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बाहुबली नेता अतीक अहमद ने अपना नाम वापस लेने की घोषणा कर दी है. उन्होंने मीडिया को एक लेटर जारी किया, जिसमें अपना नामांकन वापस लेने की बात कही. अतीक अहमद ने इसका कारण परोल न मिलने को बताया.

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किसी पार्टी का नहीं करेंगे समर्थन

बाहुबली नेता अतीक अहमद फिलहाल जेल में हैं. उन्होंने जेल से रहते हुए पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. जिसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने पर्चा भरा. लेकिन अब आखिरी चरण के चुनाव से ठीक पहले मैदान छोड़ने का फैसला लिया. उन्होंने कहा है कि वो किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे.

वाराणसी और पूर्वी यूपी के कई इलाकों में बाहुबली अतीक अहमद का काफी दबदबा माना जाता था. साल 2004 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा था और फूलपुर से सांसद चुने गए थे. अतीक अहमद पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं

किसी दल से नहीं मिला समर्थन

अतीक अहमद ने इससे पहले कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए परोल देने की बात कही थी. इसके लिए उनकी तरफ से अर्जी दी गई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. जिसके बाद अतीक अहमद ने लेटर लिखकर अपना ये फैसला मीडिया को बताया. इसके अलावा उन्होंने अन्य दलों से भी समर्थन की मांग की थी. लेकिन किसी ने भी उन्हें समर्थन नहीं दिया. अखिलेश यादव जैसे नेता पहले ही उनसे किनारा कर चुके हैं.

इससे पहले पीएम मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी उम्मीदवार और पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज हुआ. चुनाव आयोग ने हलफनामे में गलत सूचना देने पर उनका नामांकन रद्द कर दिया 
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इस बाहुबली नेता ने अपने लेटर में सांप्रदायिक ताकतों को हराने की भी बात कही है. उन्होंने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र को कुछ लोग अपनी हिटलरशाही से खत्म करना चाहते हैं.

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