मालेगांव ब्लास्ट में अपने बेटे को खोने वाले एक पिता ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. इसके लिए निसार सईद नाम के इस शख्स ने मुंबई स्थित विशेष एनआईए अदालत में अर्जी दी है.
बता दें कि बुधवार को बीजेपी ने प्रज्ञा को मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया था.
निसार सईद ने अपनी याचिका में कहा है, ‘’प्रज्ञा स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर हैं. अगर वह इस भीषण गर्मी में भी चुनाव लड़ने के लिए स्वस्थ हैं, तो फिर उन्होंने अदालत को गुमराह किया है.’’
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रज्ञा सहित दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन सभी पर आरोप थे कि वे एक हिंदू चरमपंथी संगठन का हिस्सा थे, जिसने उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में ब्लास्ट को अंजाम दिया था. इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
प्रज्ञा को ऐसे मिली थी जमानत
मालेगांव ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने साल 2017 में प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दी थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में प्रज्ञा के खिलाफ कोई केस बनता नहीं दिखता. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि प्रज्ञा एक महिला हैं, जिन्होंने 8 साल से ज्यादा समय जेल में बिताया है और वह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं.
उस समय प्रज्ञा की मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया था कि वह बिना सहारे के चल-फिर भी नहीं सकतीं. कोर्ट ने कहा था कि प्रज्ञा फिलहाल एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में हैं, जहां उनका सही इलाज नहीं हो सकता.
प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर उमर अब्दुल्ला का सवाल
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा, ''बीजेपी ने (भोपाल से) एक ऐसी उम्मीदवार को टिकट दिया है, जो ना केवल एक आतंकी घटना में आरोपी हैं, बल्कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जमानत पर हैं. अगर उनका स्वास्थ्य उनको जेल में रहने की इजाजत नहीं देता, तो यह उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत कैसे देता है?''
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