गुप्तेश्वर पांडे(Gupteshwar Pandey) ने वीआरएस लेने के बाद चुनाव लड़ने की बात पर मीडिया से क्या कहा? पटना में कौन लगा जा रहा है बिना नाम-पते का चुनावी पोस्टर? बिहार चुनाव 2020(Bihar Election 2020) से जुड़े अपडेट्स पढ़ने की इससे बढ़िया जगह कोई नहीं. तो ये रहीं Quint बिहार चुनाव के इस एडिशन की पांच खबरें.
राज्यसभा प्रकरण पर गरमाई राजनीति
किसान बिल को लेकर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ सांसदों की ओर से किए गए व्यवहार पर बिहार की सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने इसे बिहार के अपमान से जोड़ा है. नेताओं ने कहा है कि आने वाले चुनाव में बिहार की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ उससे बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की भावनाएं आहत हुईं, लेकिन लोकतंत्र की मर्यादा का ध्यान रखते हुए वो धरने पर बैठे सांसदों के लिए मंगलवार को चाय लेकर गए. अपने इस विशाल हृदय व्यवहार से उप सभापति ने न सिर्फ लोकतंत्र की मर्यादा का मान रखा, बल्कि संसदीय परंपरा की गरिमा भी बढ़ाई. इस मौके पर अटल जी की कविता याद आती है -छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.
बिहार बीजेपी प्रभारी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि दशकों पहले जब कांग्रेस लोकतंत्र कुचलने निकली थी तब बिहार से निकले जेपी ने लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी और देश जीता. बिहार के ही हरिवंश जी का पत्र पढ़ते हुए लगा कि अब जब कांग्रेस फिर लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ खड़ी है तब ये पत्र लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने का दस्तावेज बन रहा है. जिस प्रकार का दुर्व्यवहार विपक्ष के सांसदों द्वारा राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ किया गया था, वो किसी भी प्रकार से सदन के अनुकूल नहीं है. विपक्षी दलों के सांसदों का आचरण सदन की मर्यादा को चोट पहुंचाने वाला रहा.
DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, लड़ सकते हैं चुनाव
चुनाव से ठीक पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) ने नौकरी से वीआरएस ले लिया है. अपने रिटायरमेंट से पांच महीने पहले ही गुप्तेश्वर पांडेय ने नौकरी छोड़ दी है. गवर्नर ने उनके उनके इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया है. चर्चा है कि वे बक्सर या आरा जिले की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
गुप्तेश्वर पांडे ने मीडिया से ताजा बातचीत में कहा है कि मैंने जीवनभर निष्पक्ष होकर नौकरी की है. अब मैं अपने करियर में दाग नहीं लगा सकता. इसके चलते नौकरी छोड़ दी, जब राजनीति में जाना होगा तब हम बताएंगे. अभी फैसला नहीं हुआ है, एक-दो दिन में फैसला करेंगे.
पटना में कौन लगा जा रहा है ये पोस्टर?
बुधवार को पटना की सड़कों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेती होर्डिंग्स नजर आ रहीं हैं. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोट किया गया है- “नीतीश कुमार के डीएनए में ही खोट है. नीचे लिखा है- मारते रहे बस पलटी, नीतीश की हर बात कच्ची.”
होर्डिंग पर इसे लगाने वाले का नाम-पता नहीं है. बिना नाम-पते के लगाए जा रहे ये पोस्टर- चुनाव को रोचक बना रहे हैं!
नीतीश कुमार के खिलाफ लगाई गईं नई होर्डिंग्स को लालू परिवार के खिलाफ लगाई गई उस होर्डिंग का भी पलटवार माना जा रहा है, जिसमें लिखा था 'एक ऐसा परिवार, जो बिहार पर भार'. इस नारे के साथ एक होर्डिंग में लालू को जेल में दिखाया गया हौ तो दूसरे में लालू परिवार को 'लूट एक्सप्रेस' पर सवार. ऐसी एक होर्डिंग लालू के बेटे तेज प्रताप यादव के बंगले के पास भी लगा दिया गया है.
2005 से पहले अफ्रीकी देशों से भी खराब था बिहार का हाल : सुशील मोदी
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 2005 के पहले बिहार के हालात अफ्रीकी देशों से भी खराब थे. लोग बिहारी कहलाने में शर्म महसूस करते थे. बिहार को बड़ी मुश्किल से उस अंधेरी सुरंग से निकाल कर यहां तक लाया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह से बिहार की मदद कर रहे हैं, वैसे में अब बिहार का विकास कभी रुकेगा नहीं. मोदी मंगलवार को बिहार सरकार के सात विभागों की 200 योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे. बता दें कि इन योजनाओं की लागत चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अगर आगे मौका मिलता है तो वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक जरूर आयोजित की जाए ताकि पूरे देश का ध्यान आकृष्ट हो.
सर्विस वोटरों को मोबाइल पर मिलेगा बैलेट
कोरोना काल में बिहार के डेढ़ लाख से ज्यादा सर्विस वोटरों के लिए चुनाव आयोग वोटिंग कराने के लिए नई व्यवस्था देने में जुटा है. इनके लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की जा रही है. रजिस्टर्ड सर्विस वोटरों को उनका बैलेट पेपर मनचाहे स्थान पर मोबाइल एप के जरिये मिल जाएगा. वे वहां बैलेट प्रिंट कराएंगे. फिर मनपसंद प्रत्याशी को वोट देकर बैलेट निर्वाची पदाधिकारी को भेज सकेंगे. अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के सर्विस वोटरों को मतदान के लिए अब डाक विभाग से बैलेट मिलने का इंतजार नहीं करना होगा.
सूबे में अभी 160422 सर्विस वोटर चिह्नित हैं. इन्हें आयोग ईटीपीबीएस के तहत रजिस्टर्ड करेगा और उनका बैलेट पेपर ऑनलाइन मोबाइल के जरिये उपलब्ध कराएगा. अब तक सर्विस वोटरों को डाक विभाग से बैलेट भेजा जाता था जिसमें देरी हो जाती थी.
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