बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष मतलब स्पीकर के चुनाव में आखिरकार एनडीए की जीत हो गई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और लखीसराय के विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए हैं.
काफी हंगामे के बाद हुए चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार विजय सिन्हा को 126 और महागठबंधन को 114 वोट मिले.
विपक्ष का हंगामा, गुप्त वोटिंग की मांग
दरअसल, स्पीकर के चुनाव के लिए विपक्ष ने भी अपना उम्मीदवार उतार था, महागठबंधन ने बिहार विधानसभा स्पीकर पद के लिए सिवान से 5 बार के आरजेडी विधायक और राबड़ी देवी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा था. विपक्ष की मांग थी कि चुनाव गुप्त वोटिंग हो, लेकिन इसे प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने ठुकरा दिया.
विधानसभा में नीतीश की मौजूदगी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
यही नहीं विपक्ष ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सदन में मौजूदगी पर भी सवाल उठाए. तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में नीतीश कुमार का क्या काम. वे इस सदन के सदस्य नहीं हैं. इस पर प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी ने कहा,
इसी सदन में जब राबड़ी देवी सीएम थीं और लालू प्रसाद एमपी थे तो वे भी सदन में बैठे थे. वे (नीतीश) सदन के नेता हैं. इसलिए सदन में रह सकते हैं. लेकिन मतदान में भाग नहीं ले सकते हैं.”
नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने स्पीकर को उनकी कुर्सी तक पहुंचाया और बधाई दी.
कौन हैं विजय कुमार सिन्हा?
विजय कुमार सिन्हा लखीसराय सीट से विधायक हैं. सिन्हा पिछली सरकार में श्रम संसाधन मंत्री थे. 54 साल के सिन्हा लखीसराय से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गये हैं.
विजय सिन्हा के पीछे का गणित
माना जा रहा है कि बीजेपी ने दो उप मुख्यमंत्री बनाए हैं, जिसमें से एक अति पिछड़ा समुदाय और दूसरे पिछड़ी जाति से आते हैं, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष का पद अगड़ी जाति के विधायक को देकर पार्टी सबको साथ लेकर चलने का मैसेज देने की कोशिश कर रही है. विजय कुमार बीजेपी के सीनियर लीडर के साथ-साथ भूमिहार समाज से आते हैं. पिछले विधानसभा स्पीकर विजय कुमार चौधरी भी इसी समाज से आते थे.
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