बिहार में एक बार फिर नीतीश (Nitish kumar) की सरकार बन सकती है. सी वोटर सर्वे (CVoter) में ये अनुमान लगाया गया है.चुनाव आयोग ने 25 सितंबर को तारीखों का ऐलान किया. राज्य में तीन चरणों में मतदान होगा और पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी. चुनाव नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. सर्वे के अन्य नतीजे क्या हैं, चलिए आपको बताते हैं.
बिहार में विधानसभा की 243 सीटों पर चुनाव होने हैं. सीवोटर सर्वे का अनुमान है कि इस बार भी बिहार में NDA की ही सरकार आ सकती है. मतलब कि एक बार फिर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
पिछले चुनाव में 2015 में नीतीश कुमार की JDU, लालू यादव की RJD और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस 'महागठबंधन' को 178 सीटें मिली थीं. हालांकि, बाद में नीतीश महागठबंधन से निकल गए थे और उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी. बीजेपी के NDA गठबंधन को पिछले बार 58 सीटें ही नसीब हुई थीं.
सर्वे बीते सात दिन में किए गए हैं और बिहार की हर विधानसभा सीट पर किए गए हैं. सर्वे के लिए 2100 लोगों से सवाल किए गए.
इस बार के अनुमान
सीवोटर सर्वे के मुताबिक, NDA को 141 से 161 सीटों के बीच मिल सकती हैं. वहीं, कांग्रेस और RJD के UPA गठबंधन को 64 से 84 सीटों के बीच ही संतोष करना पड़ सकता है.
बिहार के किसी भी क्षेत्र में UPA को NDA से ज्यादा सीटें मिलती नहीं दिख रही हैं. बाकी पार्टियों को 13 से 23 सीटों के बीच मिल सकती हैं.
बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 का है और अगर सीवोटर सर्वे को माना जाए तो NDA आराम से बहुमत का आंकड़ा छूता हुआ दिखता है.
किस क्षेत्र में कैसा प्रदर्शन?
NDA गठबंधन का प्रदर्शन बिहार के सभी क्षेत्रों में अच्छा दिख रहा है. पूर्वी बिहार, मिथिलांचल, मगध-भोजपुर, उत्तर बिहार और सीमांचल में UPA का प्रदर्शन खराब नजर आता है.
पूर्वी बिहार में जहां NDA को 14 से 18 सीटें मिलने की उम्मीद हैं, वहीं UPA को इस क्षेत्र में 7 से 11 सीटें मिलने का अनुमान है. उत्तर बिहार में NDA 47 से 51 सीटों पर जीतता दिखता है और UPA को इस क्षेत्र में 17 से 21 सीटों पर ही कामयाबी मिलती नजर आती है.
सरकार से नाराज दिखा बिहार
सर्वे में नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं, लेकिन राज्य के लोग उनसे नाराज भी नजर आते हैं. सर्वे का कहना है कि 56.7 फीसदी लोग नीतीश से नाराज हैं और सरकार बदलना चाहते हैं. वहीं, 29.8 प्रतिशत लोग सरकार से नाराज तो हैं लेकिन उसे बदलना नहीं चाहते हैं.
महज 13.5 फीसदी लोगों का कहना था कि वो नीतीश सरकार से नाराज नहीं हैं और सरकार को बदलना नहीं चाहते हैं.
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