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बिहार में पहले होते थे नरसंहार, हमें क्राइम बर्दाश्त नहीं: नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली

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बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को पार्टी की वर्चुअल रैली में अपनी सरकार के काम गिनाए और पहले की सरकारों पर निशाना साधा. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस वर्चुअल रैली में नीतीश ने विपक्षी दल आरजेडी पर तंज भी कसा.

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इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस संकट को लेकर कहा,

  • आज बिहार में प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है
  • हम लोगों ने आरटी-पीसीआर टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया है
  • सबसे ज्यादा जांच रैपिड एंटीजन टेस्ट से हो रही हैं, ये जांच 15 मिनट में हो जाती है
  • लोग अपनी इच्छा से जांच करा सकते हैं
  • हमने पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर का इंतजाम किया है
  • बिहार में कोरोना से ठीक होने वालों का प्रतिशत 88.24 हो गया है
  • 20 लाख 95 हजार लोगों को 1 हजार रुपये की विशेष सहायता दी गई
  • क्वारंटीन सेंटर में हर व्यक्ति पर राज्य सरकार की तरफ से 14 दिन में 5300 रुपये खर्च किए गए
नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना से भयभीत नहीं होना है, लेकिन सजग और सतर्क रहना है. 

इसके अलावा नीतीश ने कहा,

  • आपदा प्रबंधन का जो काम हमने शुरू किया है, वो पहले कहां होता था? हमने कह दिया कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है
  • पहले विधि व्यवस्था की क्या स्थिति थी? सामूहिक नरसंहार हो रहे थे. पहले लोग शाम होने से पहले ही घर चले जाते थे
  • क्राइम, करप्शन, कम्युनलिज्म को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. क्राइम की जो स्थिति पहली थी, आज वो है क्या?
  • 2018 में अपराध की राष्ट्रीय औसत दर प्रति लाख आबादी पर 383.5 थी, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 222.1 था. बिहार का 23 वां स्थान था.
  • पहले लोग वोट तो लेते रहते थे, लेकिन क्या कब्रिस्तान की घेराबंदी करा पाते थे? हमने मंदिरों में चारदीवारी के निर्माण पर भी काम किया है.
  • आज आप किसी भी गांव में जाएंगे तो पता चलेगा कि वहां पर स्कूल है, पहले ऐसा कहां था?
नीतीश ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा, ‘’हम लोगों ने हर घर बिजली कनेक्शन देने का काम किया. अब लालटेन की जरूरत नहीं है ना?’’

रोजगार को लेकर नीतीश ने कहा, ''कोरोना संकट के दौरान राज्य सरकार ने रोजगार सृजन पर काम किया है. बोलने वाले बस बोलते रहते हैं, क्या उन्हें हमारे काम की जानकारी है? 14 करोड़ 71 लाख से ज्यादा मानव दिवसों का सृजन किया गया है. औसतन प्रतिदिन 10 लाख लोगों को काम मिल रहा है.''

बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होने वाला है. ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक बिहार में कोरोना वायरस महामारी के चलते चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला नहीं लिया है और राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं.

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