बिहार में एनडीए की जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश 16 नवंबर को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. इस बार के चुनाव में जेडीयू की सीटें बीजेपी के मुकाबले कम आई हैं, लेकिन एनडीए ने नीतीश के नाम पर ही मुहर लगाई.
बुधवार को पीएम मोदी ने साफ कर दिया था कि नीतीश के नेतृत्व में ही बिहार में सरकार बनेगी. मोदी के ऐलान के बाद अब ये बात साफ है कि एनडीए में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई पेंच नहीं फंसा है और एनडीए सरकार नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में काम करने जा रही है.
इस चुनाव में बीजेपी को जहां 74, वहीं नीतीश कुमार की जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें ही मिलीं. जेडीयू की कम सीटें आने पर बीजेपी के अंदरखाने सीएम पद की मांग उठने लगी. इसकी शुरुआत बिहार बीजेपी के एससी मोर्चा अध्यक्ष अजित चौधरी के बयान से हुई. अब नरेंद्र मोदी ने सबकुछ साफ कर दिया है तो ये बिहार बीजेपी के नेताओं के लिए भी संदेश है.
इस बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी और पार्टी के अन्य विधायकों ने बिहार के सीएम और जदयू नेता नीतीश कुमार से मुलाकात की.
नीतीश (तत्कालीन समता पार्टी के नेता) ने पहली बार 3 मार्च, 2000 को बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली, वह लगातार 2005 और 2010 में सीएम बने. 2015 में, उन्होंने दो बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली, मंगलवार को परिणाम दिन बढ़ने के बावजूद, नीतीश कुमार की पार्टी जश्न को लेकर काफी सतर्क थी, लेकिन पटना में पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़े पोस्टर में लिखा था, "बिहार ने 24 कैरेट सोने को चुना है,"
ये भी पढ़ें- 15 सालों में सांतवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)