बिहार चुनावों के लिए हर गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है. हाल ही में बताया गया कि बीजेपी और जेडीयू राज्य में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही हैं. लेकिन अब एनडीए में दो फाड़ हो चुके हैं, क्योंकि एलजेपी ने नीतीश कुमार नेतृत्व के खिलाफ चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है. एलजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया है, पार्टी नेताओं के फैसले पर चिराग पासवान ने अंतिम मुहर लगाई.
अब चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी कुल 143 सीटों पर बिहार में अपने उम्मीदवार उतारेगी. बाकी सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार होंगे, इसीलिए एलजेपी इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी.
एलजेपी प्रवक्ता संजय सिंह ने क्विंट से बातचीत में बताया कि हमारी पार्टी नीतीश कुमार के बतौर सीएम चेहरा रहते हुए साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ सकती है. हमें वो नेतृत्व स्वीकार नहीं है.
बता दें कि कई महीने पहले से एलजेपी और नीतीश कुमार के बीच खटास की खबरें सामने आनी लगी थीं. दोनों दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ हमलावर भी दिखाई दिए. जिसके बाद पार्टी की बैठक में एलजेपी नेताओं ने पहले ही ये प्रस्ताव रखा था कि उन्हें नीतीश से अलग होकर चुनाव लड़ना चाहिए. इस पर अंतिम फैसला चिराग पासवान के पाले में डाल दिया गया था.
नीतीश के खिलाफ नाराजगी
लेकिन अब सीट शेयरिंग को लेकर हुए मंथन के बाद चिराग पासवान ने पार्टी की संसदीय कमेटी की बैठक बुलाई थी. इससे ठीक पहले उन्होंने बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से बातचीत की थी. लेकिन अब ये बाचतीत कारगर साबित होती नहीं दिख रही है. हालांकि ऐसा नहीं है कि एलजेपी बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही है. पार्टी नेताओं ने प्रस्ताव रखा है कि वो सिर्फ नीतीश के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे और बीजेपी को समर्थन देंगे.
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