राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती. लेकिन किसी भी इलेक्शन के लिए टिकट मिलने की सबसे जरूरी योग्यता होती है जीत की संभावना. लेकिन बीजेपी ने नियम बदल दिए हैं. पार्टी के कई ऐसे चेहरे हैं, जो अपनी लोकप्रियता के दम पर लंबे वक्त तक जनता की पसंद बने रहे. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इनमें से कई चेहरे चुनाव मैदान में नजर नहीं आएंगे.
ये चेहरे जिताऊ भी हैं और संसद में भी इनका रिकॉर्ड भी बेहतर है. लेकिन पार्टी ने ही उन्हें किनारे कर दिया है.
बीजेपी के वो बड़े चेहरे, जिनके चुनाव लड़ने पर है संशय
1. लालकृष्ण आडवाणी (उम्रः 91)
बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने पर संशय है. 91 साल के आडवाणी गुजरात की गांधी नगर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर गांधी नगर सीट से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लड़ाने का फैसला किया है.
- लालकृष्ण आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत में 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था
- वे 1951 से 1957 तक भारतीय जनसंघ के सचिव और 1973-1977 तक अध्यक्ष रहे
- 1977-79 के दौरान जनता पार्टी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री रहे
- 1980-86 तक बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे
- 1986-91 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
- चार बार राज्यसभा सांसद बने
- सात बार लोकसभा सांसद चुने गए
- 1998 से 2004 के बीच एनडीए सरकार में गृह मंत्री और फिर उप प्रधानमंत्री बने
- साल 2014 में गुजरात की गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव जीता
- इसके बाद उन्हें भी बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया गया
2. मुरली मनोहर जोशी (उम्रः 85)
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कानपुर लोक सभा सीट से मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी के लोक सभा चुनाव 2019 लड़ने पर संशय है. मुरली मनोहर जोशी 85 साल के हैं, यानी कि बीजेपी ने जो 75 साल की उम्र का दायरा तय किया है, उसमें वे भी आते हैं.
- 5 जनवरी 1934 को दिल्ली में जन्मे जोशी मूलरूप से उत्तराखंड के कुमाऊं के हैं.
- जोशी शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं
- साल 1991 से 1993 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं
- इलाहाबाद से तीन बार विधायक चुने गए
- पहली बार 1977 में सांसद चुने गए थे, अब तक छह बार लोकसभा सांसद चुने गए
- दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं
- साल 1996 में जब एनडीए की 13 दिन की सरकार बनी थी, तब जोशी गृहमंत्री रहे
- 1998 से 2004 तक वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहे
- साल 2014 को लोकसभा चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी के लिए वाराणसी सीट छोड़ दी थी
- साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया
3. कलराज मिश्र (उम्रः 78)
बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र उत्तर प्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं. लेकिन इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. कलराज मिश्र की बात करें तो उनकी उम्र 78 साल हो चुकी है. यानी वह भी 75 का आंकड़ा पार कर चुके हैं.
- कलराज मिश्र का जन्म 1 जुलाई 1941 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ था
- साल 1978-1984 और 2001-2012 के दौरान तीन बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं
- 1986-2001 के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा में तीन बार एमएलसी रह चुके हैं
- साल 1997-2000 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे
- साल 2012 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए
- साल 2014 के लोकसभा चुनाव में देवरिया सीट से सांसद चुने गए
- केंद्र की मोदी सरकार में एमएसएमई मिनिस्टर रह चुके हैं
4. सुमित्रा महाजन (उम्रः 76)
मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार से चुनाव जीतती आ रहीं सुमित्रा महाजन के लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने पर संशय है. पार्टी सूत्रों की मानें तो 75 पार कर जाने की वजह से सुमित्रा महाजन का टिकट भी कट सकता है.
- सुमित्रा महाजन इंदौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार से चुनाव जीतती आ रहीं हैं
- सुमित्रा महाजन का जन्म 12 अप्रैल 1943 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था
- साल 1989 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर सांसद चुनी गईं
- साल 1998 में बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव बनीं
- अक्तूबर 1999 से जून 2002 तक एचआरडी मिनिस्ट्री की यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट रहीं
- जुलाई 2002 से मई 2003 तक मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशंस एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट रहीं
- इंदौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार से सांसद हैं
- 16वीं लोकसभा की स्पीकर हैं
5. उमा भारती
बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव 2019 न लड़ने का फैसला किया है.
- 3 मई 1959 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में जन्म हुआ
- उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं
- राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई
- साल 1989 में पहली बार लोकसभा सदस्य चुनी गईं
- अब तक कुल छह बार सांसद चुनी गईं हैं
- साल 1993 में बीजेपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष बनीं
- साल 1998-99 के दौरान एचआरडी मिनिस्ट्री में यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट की जिम्मेदारी
- 7 नवंबर 2000 से 25 अगस्त 2002 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स
- 26 अगस्त 2002 से अगस्त 2004 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर - कोल एंड माइंस
- दिसंबर 2003 से अगस्त 2004 तक मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
- मोदी सरकार में यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर- ड्रिंकिंग वाटर एंड सेनिटेसन
6. सुषमा स्वराज
बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने भी स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव 2019 न लड़ने का फैसला किया है.
- सुषमा स्वराज केंद्र की मोदी सरकार में विदेश मंत्री हैं
- साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वह मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से सांसद चुनी गईं थीं
- 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में जन्म हुआ
- साल 1977-82 और 1987-90 तक दो बार हरियाणा विधानसभा के लिए विधायक चुनी गईं
- साल 1977-79 और 1987-90 तक हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं
- साल 1990 में राज्यसभा सांसद चुनी गईं
- 16 मई से 1 जून 1996 तक केंद्रीय मंत्री सूचना-प्रसारण मंत्रालय रहीं
- साल 1996 में पहली बार लोकसभा सांसद चुनी गईं
- 13 अक्तूबर - 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं
- अब तक तीन बार राज्यसभा सांसद और चार बार लोकसभा सांसद चुनी जा चुकी हैं
7. हुकुमदेव नारायण सिंह (उम्रः 79)
बीजेपी ने श्रेष्ठ सांसद का सम्मान जीतने वाले हुकुमदेव नारायण यादव को भी इस बार टिकट नहीं दिया है. हुकुमदेव का नाम भी उन नेताओं की लिस्ट में शुमार है, जो 75 साल की उम्र पार कर चुके हैं.
- 17 नवंबर 1939 को दरभंगा में जन्मे हुकुमदेव नारायण यादव बिहार की मधुबनी सीट से लोकसभा सांसद हैं
- साल 1960-68 के दौरान दरभंगा की बिजुली ग्राम पंचायत के प्रधान रहे
- साल 1977-79 पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए
- साल 1980 में राज्यसभा पहुंचे
- साल 1983 में जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने
- साल 1990-91 में यूनियन कैबिनेटे मिनिस्टर, टेक्स्टाइल एंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज
- अब तक पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं
8. भुवन चंद्र खंडूरी (उम्रः 84)
रिटायर्ड मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूरी वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं. खंडूरी चुनाव का ऐलान होने के दो महीने पहले ही चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से पौढी गढ़वाल सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, लेकिन खंडूरी के चुनाव मैदान में उतरने पर संशय है. बता दें, खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस ने उन्हें इसी पौढ़ी गढ़वाल सीट से ही उम्मीदवार बनाया है.
- 1 अक्तूबर 1934 को देहरादून में जन्मे बीसी खंडूरी गढ़वाल सीट से लोकसभा सांसद हैं.
- साल 1991 में पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए
- 24 मई 2003-21 मई 2004 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे की जिम्मेदारी
- साल 2007 में विधायक चुने गए
- दो बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने
- अब तक पांच बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं
9. शांता कुमार (उम्रः 84)
हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट से सांसद शांता कुमार ने भी 2019 चुनाव में ना उतरने का फैसला किया है. उन्होंने कहा है कि अब वे चुनाव लड़ेंगे नहीं, लड़वाएंगे.
- 12 सितंबर 1934 को जन्मे शांता कुमार हिमाचल की कांगड़ा सीट से सांसद हैं
- साल 1965-68 के दौरान कांगड़ा जिला परिषद के अध्यक्ष रहे
- साल 1972-85 तक विधायक चुने गए
- साल 1989 में पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए
- 13 अक्तूबर 1999-30 जून 2002 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन की जिम्मेदारी
- 1 जुलाई 2002-6 अप्रैल 2003 तक यूनियन कैबिनेट मिनिस्टर, रूरल डेवलेपमेंट
- साल 2008-अगस्त 2009 तक हिमाचल से राज्यसभा सदस्य
- अब तक चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं
10. भगत सिंह कोश्यारी (उम्रः 76)
उत्तराखंड में बीजेपी के दिग्गज चेहरों में से एक भगत सिंह कोश्यारी भी राजनीति की मुख्य धारा से किनारे हो गए हैं. नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सिटिंग सांसद होने के बावजूद उन्हें पार्टी ने दोबारा प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.
- 17 जून 1942 को जन्मे भगत सिंह कोश्यारी, नैनीताल-उधमसिंहनगर से मौजूदा सांसद हैं
- नवंबर 2000 से नवंबर 2008 तक दो बार उत्तराखंड विधानसभा के लिए विधायक चुने गए
- नवंबर 2000-अक्तूबर 2001 तक उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे
- अक्तूबर 2001 से मार्च 2002 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे
- नवंबर 2008 से मई 2014 तक राज्यसभा सांसद
- साल 2014 में पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचे
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