ADVERTISEMENTREMOVE AD

Chhattisgarh: पहले चरण में 71% मतदान,2018 जैसा पैटर्न,हॉट सीटों पर कैसा दिखा जनता का मूड?

Chhattisgarh Assembly Elections 2023: सबसे ज्यादा वोट कांकेर के भानुप्रतापपुर सीट पर 79.10% और सबसे कम बीजापुर में 40.98% हुआ है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Elections 2023) के पहले चरण के लिए मंगलवार, 7 नवंबर को मतदान हुआ. फर्स्ट फेज में प्रदेश की 20 सीटों पर वोट डाले गए, जिसमें नक्सल प्रभावित 12 सीटें भी शामिल हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पहले चरण में 71.11 फीसदी वोट पड़े. सबसे ज्यादा वोट कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में 79.10% और सबसे कम वोटिंग बीजापुर में 40.98% हुआ.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले चरण में वोटिंग के दौरान नक्सली घटना भी सामने आई. सुकमा में दो अलग-अलग IED ब्लास्ट में 2 जवान घायल हो गए. वहीं मिनपा के पास नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. हालांकि, नक्सली घटनाओं के बावजूद मतदान पर ज्यादा असर नहीं पड़ा और 71 फीसदी वोटिंग हुई है.

किन सीटों पर कितना मतदान?

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ की 20 विधानसभा सीटों पर शाम 5 बजे तक इतना मतदान हुआ:

  1. अंतागढ़- 70.72%

  2. बस्तर- 71.39%

  3. भानुप्रतापपुर- 79.10%

  4. बीजापुर- 40.98%

  5. चित्रकोट- 70.36%

  6. दंतेवाड़ा- 62.55%

  7. डोंगरगांव- 76.80%

  8. डोंगरगढ़- 77.40%

  9. जगदलपुर- 75.00%

  10. कांकेर- 76.13%

  11. कवर्धा- 72.89%

  12. केशकाल- 74.49%

  13. खैरगढ़- 76.31%

  14. खुज्जी- 72.01%

  15. कोंडागांव- 76.29%

  16. कोंटा- 50.12%

  17. मोहला-मानपुर- 76.00%

  18. नायारणपुर- 63.88%

  19. राजनांदगांव- 74.00%

  20. पंडारिया- 71.06%

हॉट सीटों पर कैसी वोटिंग हुई?

  • राजनांदगांव: इस सीट से पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रमन सिंह मौजूदा विधायक हैं. उनके सामने सीएम भूपेश बघेल के करीबी गिरीश देवांगन मैदान में हैं. यहां पर 74 प्रतिशत मतदान हुआ है.

  • कोंटा: छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा कोंटा से मैदान में हैं. उन्होंने 2018 और 2013 के चुनावों में यहां से जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने उनके सामने सोयम मुका को मैदान में उतारा है. इस सीट पर 50.12% मतदान हुआ है.

  • कवर्धा: मोहम्मद अकबर कबीरधाम जिले की कवर्धा सीट से चुनावी ताल ठोंक रहे हैं. वो छत्तीसगढ़ सरकार में परिवहन मंत्री हैं. उनके सामने बीजेपी के विजय शर्मा चुनावी मैदान में हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने राजा खड़गराज सिंह को उतारा है. इस सीट पर 72.89% वोट पड़े हैं.

  • चित्रकोट: कांग्रेस के एक और VIP उमीदवार दीपक बैज बस्तर जिले की चित्रकोट सीट से प्रत्याशी हैं. उनके सामने बीजेपी उम्मीदवार विनायक गोयल ताल ठोक रहे हैं. इस सीट पर 70.36% वोट पड़े हैं.

  • नारायणपुर: चंदन कश्यप के खिलाफ बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप चुनाव लड़ रहे हैं. केदार कश्यप ने 2013 में यह सीट जीती थी, लेकिन 2018 में वह चंदन कश्यप से हार गए थे. इस सीट पर 63.88% वोट पड़े हैं.

पिछले चुनावों में कितने वोट पड़े थे?

भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 2018 छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों पर 76.42% वोट पड़े थे. वहीं दूसरे चरण में 76.34 प्रतिशत मतदान हुआ था.

छत्तीसगढ़ में 2013 के विधानसभा चुनाव में 75.3 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2008 में 70.6% और 2003 में 71.3% वोटिंग हुई थी.

2018 में डोंगरगांव में सबसे ज्यादा 85.48% और बीजापुर में सबसे कम 48.92% वोटिंग हुई थी. 2023 में कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में 79.10% और सबसे कम बीजापुर में 40.98 प्रतिशत मतदान हुआ है.

71% वोटिंग के क्या मायने?

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और 2018 में हुए पहले चरण के वोटिंग के आंकड़ों की तुलना करें तो मतदान में करीब 5 फीसदी का अंतर है. पिछली बार 76.42% वोट पड़े थे, जबकि इस बार 71.11% वोट पड़े हैं.

वोटिंग में ज्यादा बदलाव नहीं होने के बाद कहा जा रहा है कि भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर लहर यानी एंटी इनकंबेंसी नहीं दिख रही है.

ओपनियन पोल भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे थे. NDTV और CSDS-Lokniti के ओपनियन पोल के मुताबिक, प्रदेश की 34 फीसदी मतदाता भूपेश सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. वहीं 45% वोटर्स संतुष्ट की श्रेणी में हैं. इस तरह से राज्य की 79% जनता सरकार के साथ दिख रही है.

राजनांदगांव, कोंटा, कवर्धा, चित्रकोट और नारायणपुर जैसी हॉट सीट की बात करें तो इन सीटों पर 2018 के मुकाबले इस बार कम मतदान हुआ है. राजनांदगांव में 2018 में 79% तो 2023 में 74 फीसदी वोट पड़े हैं. कोंटा में इस बार करीब 5 फीसदी कम मतदान हुआ है. वहीं कवर्धा और चित्रकोट में करीब 10 फीसदी कम मतदान हुआ है. नारायणपुर में करीब 12 फीसदी कम वोट पड़े हैं.

हॉट सीट पर भी पिछली बार के मुकाबले कम मतदान से साफ है कि जनता बदलाव के मूड में नहीं है.

वहीं क्विंट हिंदी से बातचीत में राजनीतिक विशेषज्ञ अशोक तोमर ने कहा कि वोटिंग कम या ज्यादा होने से यह नहीं कहा जा सकता है कि कौन सी पार्टी जीतेगी या हारेगी. लेकिन, एक बात साफ है कि इस बार बीजेपी की सीटें बढ़ेंगी. बस्तर में तीन-चार सीटें और दुर्ग संभाग में दो-तीन सीटें आने की संभावना है.

वोटिंग के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और बीजेपी प्रत्याशी रमन सिंह ने दावा किया है कि "पहले चरण में जिन 20 सीटों पर वोटिंग हो रही है उनमें से बीजेपी कम से कम 14 सीटें जीत रही है."

2018 के नतीजे कैसे थे?

पहले चरण में जिन 20 सीटों पर वोटिंग हुई, 2018 में इनमें से 17 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 2 सीटें मिली थीं, जबकि अजीत जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 1 सीट जीती थी.

इसके बाद हुए उपचुनावों के बाद कांग्रेस ने दो अन्य सीटों पर कब्जा जमा लिया था. 2018 में दंतेवाड़ा सीट बीजेपी के पास थी, लेकिन उपचुनाव में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. खैरगढ़ सीट JCC के पास थी, बाद में इसपर भी कांग्रेस का कब्जा हो गया.

कुल मिलाकर, कांग्रेस ने 2018 के चुनावों में छत्तीसगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया था, 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी और कुल वोटों का 43.9 प्रतिशत हासिल किया था. वहीं बीजेपी ने मात्र 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी और पार्टी के खाते में 33.0% वोट आए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×