चुनावी मौसम में बीजेपी में बॉलीवुड और खेल जगत से तो कई लोग शामिल हुए ही हैं, साथ ही कई दबंग नेताओं ने भी बीजेपी का दामन थामा है. पार्टी ने इनमें से कई नेताओं को टिकट भी दे दिया है. आइए जानते हैं कि ये नेता कौन-कौन से हैं और बीजेपी को कितना फायदा पहुंचा सकते हैं.
राजन तिवारी
बिहार से दो बार विधायक रह चुके बाहुबली नेता राजन तिवारी ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है. राजन तिवारी के नाम हत्या, अपहरण, लूट जैसे कुल 11 केस हैं. गोरखपुर में जन्में राजन तिवारी सबसे पहले 90 के दशक में श्री प्रकाश शुक्ला के गैंग में शामिल हुए. यूपी पुलिस ने मोस्ट वॉन्टेड घोषित किया तो बिहार चले गए, वहां नई गैंग बनाई बाहुबली बने और फिर विधायक. साल 2017 में यूपी में वापसी करने का मन हुआ तो बीएसपी का दामन थाम लिया और अब बीजेपी में शामिल हुए हैं. कभी आरजेडी के नेता रह चुके तिवारी लालू यादव के भी करीबी बताए जाते हैं.
कहा जा रहा है कि तिवारी के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को पूर्वांचल में फायदा मिल सकता है.
दिनेश प्रताप सिंह
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए दिनेश प्रताप सिंह राय बरेली में खासा दबदबा रखते हैं. रायबरेली में साल 2017 में हुई अदिती सिंह की एंट्री से नाराज होकर दिनेश ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा. बदले में बीजेपी ने रायबरेली से लोकसभा की टिकट दे दी. दिनेश प्रताप सिंह पर दंगे भड़काना, धमकाना जैसे केस दर्ज हैं.
2019 के चुनाव में सोनिया गांधी के सामने खड़े हैं. वही सोनिया गांधी जिनके चुनाव की रणनीति कभी दिनेश प्रताप के घर में बनती थी. आज उनके सामने उनका ही कार्यकर्ता विरोधी पार्टी के निशान पर चुनाव लड़ रहा है. दिनेश प्रताप जीतें या न हारें, लेकिन कांग्रेस की वोट में बड़ी सेंधमारी कर सकते हैं.
अर्जुन सिंह
तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और 4 बार के विधायक अर्जुन सिंह ने लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने की वजह से पार्टी छोड़कर बीजेपी में आ गए. अर्जुन सिंह का बैरकपुर में काफी नाम और दबदबा है. 30 सालों तक ममता बनर्जी के साथ काम करने के बाद अर्जुन सिंह ने साफ किया कि वो बैरकपुर से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने दी नहीं. अब वो बीजेपी के कैंडिडेट हैं.
अर्जुन सिंह भाटपारा विधानसभा से विधायक हैं. पार्टी के लिए बूथ मैनेजमेंट से लेकर इलाके में वोट जुटाने तक का काम करते हैं. बैरकपुर में अर्जुन सिंह की पकड़ काफी मजबूत बताई जाती है. मौजूदा सांसद दिनेश त्रिवेदी की जीत में भी इनका ही योगदान बताया जाता है. हिंदी भाषी वोटरों में अच्छी पकड़ वाले अर्जुन सिंह बीजेपी के लिए कितने फायदेमंद साबित होते हैं ये तो 23 मई को पता चलेगा.
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