भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. पार्टी का आरोप है कि सबरीमला मामले में टिप्पणी करके प्रधानमंत्री सांप्रदायिक आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं.
तमिलनाडु के थेनी में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि सबरीमला पर वाम और मुस्लिम लीग बहुत खतरनाक खेल खेल रहे हैं और “आस्था और आकांक्षा की जड़ों पर हमले की तैयारी कर रहे हैं.’’
मोदी की टिपण्णी पर कड़ा विरोध
निर्वाचन आयुक्त को लिखे गए खत में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य निलोत्पल बासु ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी आदर्श आचार संहिता का साफ तौर पर उल्लंघन है. बासु ने कहा, ‘‘यह साफ उदाहरण है कि मोदी ना सिर्फ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि चुनाव प्रचार में सबरीमला और भगवान अयप्पा स्वामी के नाम का इस्तेमाल नहीं करने के निर्वाचन आयोग के आदेश का उल्लंघन भी कर रहे हैं. दोहरा दूं कि एलडीएफ ने बार-बार यह कहा है कि वह आस्था के खिलाफ नहीं है, वह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने तक सीमित है.’’
आयोग से मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आस्था का सवाल खड़ा करके और केरल की एलडीएफ सरकार पर आरोप लगाकर प्रधानमंत्री उस आस्था से जुड़े लोगों से अपील करने की कोशिश कर रहे हैं. यह आदर्श आचार संहिता और आपके आदेश के खिलाफ है.’’
चुनाव आयोग ने मार्च में सभी राजनीतिक दलों से कहा था कि वे प्रचार के दौरान भगवान अयप्पा स्वामी के नाम का इस्तेमाल ना करें.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुए थे उग्र प्रदर्शन
28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले को लागू करने का फैसला करने के बाद सबरीमाला में सीपीएम नीत एलडीएफ सरकार को महिलाओं के प्रवेश मुद्दे पर उग्र विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था. इस फैसले के तहत सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा करने की मंजूरी दी गई थी.
(इनपुट: PTI)
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