ADVERTISEMENTREMOVE AD

फानी पर फोन नहीं उठाने के आरोप पर बोली ममता-क्या हम उनके नौकर हैं?

तूफान फानी पर पीएम मोदी ने किया पलटवार

Updated
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

चक्रवाती तूफान 'फानी' की चर्चा अब राजनीतिक चर्चा बन चुकी है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी इस मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, मैंने तूफान फानी को लेकर ममता दीदी से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन दीदी का अहंकार इतना ज्यादा है कि उन्होंने मुझसे बात नहीं की.

इसके जवाब में ममता बनर्जी ने कहा है कि वो फोन उनके ऑफिस में आया था और वो खड़गपुर में थीं ताकि राज्य में चक्रवात फोनी के संभावित प्रभाव पर नजदीकी नजर रख सकें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या हम उनके नौकर हैं: ममता बनर्जी

स्नैपशॉट

पीएम ने ममता बनर्जी को अहंकारी बताया था, अब ममता ने कहा है कि मोदी ने उन्हें कलाईकुंडा में एक बैठक के लिए बुलाया था जहां वे चक्रवात प्रभावित ओडिशा का दौरा करने के बाद एक चुनावी सभा के लिए उतरे थे. ‘‘क्या हम उनके नौकर हैं कि वे जहां भी बुलाएंगे हमें वहां जाना पड़ेगा? अब वो आरोप लगाएंगे कि मैंने जवाब नहीं दिया या सहयोग नहीं दिखाया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज झाड़ग्राम में मेरी (चुनावी) सभा तय थी. पश्चिम बंगाल में चुनाव चल रहे हैं जबकि ओडिशा में खत्म हो चुके हैं. मैं चुनावी समय के दौरान एक एक्सपायरी प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा क्यों करूं?’’

फोन का करता रहा इंतजार

इससे पहले पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल तमलुक में रैली के दौरान कहा, 'मैंने दीदी को फोन किया उन्होंने बात नहीं की, जिसके बाद मैं उनके फोन का इंतजार करता रहा. लेकिन फिर मैंने दीदी को दोबारा फोन किया. मैं पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए चिंता में था. इसलिए ममता दीदी से बात करना चाहता था. लेकिन दूसरी बार भी दीदी ने मुझसे बात नहीं की.' पीएम ने आगे कहा -

दीदी को अपनी राजनीति की काफी चिंता है, उन्हें बंगाल के लोगों की परवाह नहीं है. इसी आदत ने हमेशा देश का नुकसान किया है. नुकसान की समीक्षा के लिए आज भी अधिकारियों से बात करना चाहता था, लेकिन स्पीड ब्रेकर दीदी ने उसको भी मना कर दिया
ADVERTISEMENTREMOVE AD

टीएमसी ने लगाया था आरोप

इससे पहले टीएमसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि पीएम मोदी ने सीएम ममता बनर्जी के बजाय फानी को लेकर राज्यपाल से बातचीत की. टीएमसी के जनरल सेक्रेट्री पार्थ चैटर्जी ने कहा था, 'यह संविधान की मूल भावना पर हमला है. राज्यपाल को फोन करके उन्होंने एक बीजेपी नेता की तरह व्यवहार किया है, किसी पीएम की तरह नहीं. वो कैसे लोगों की चुनी सरकार को नकार सकते हैं? सीएम ममता बनर्जी को जनता ने चुना है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.'

पश्चिम बंगाल सरकार के एक सूत्र ने क्विंट को बताया कि पीएमओ की तरफ से इस तरह का कोई भी फोन कॉल नहीं आया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

टीएमसी की तरफ से जारी इस बयान के बाद पीएमओ की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि पहले सीएम ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश की गई थी, लेकिन जब उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया तो फानी तूफान के हालात का जायजा लेने के लिए राज्यपाल से बात की गई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×