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केजरीवाल पर ट्वीट कर निशाने पर आई BJP,यूजर्स ने बताया इस्लामोफोबिक

सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर दिल्ली बीजेपी

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दिल्ली विधानसभा चुनावों के नजदीक आते-आते सभी पार्टियां पूरे जोर-शोर से प्रचार में जुट गई हैं. सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर जमकर हमले हो रहे हैं. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी, तीनों पार्टियां मीम के जरिए भी खूब निशाना साध रही हैं. ऐसे ही एक मीम शेयर करने को लेकर बीजेपी ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गई है. बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर एक मीम शेयर किया, जिसे ट्विटर यूजर्स ने इस्लामोफोबिक बताया है.

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ट्विटर पर इन दिनों एक ट्रेंड चला है, जिसमें लोग आर्ट और उसके आर्टिस्ट की फोटो शेयर कर रहे हैं. ये ट्रेंड अब मीम में भी तब्दील हो गया है, और कटाक्ष करने के लिए भी यूजर्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

बीजेपी भी सीएम केजरीवाल पर निशाना साधने के लिए 'आर्ट-आर्टिस्ट' मीम टेंपलेट का खूब इस्तेमाल कर रही है. इसमें एक ट्वीट में, बीजेपी ने दो तस्वीरें शेयर कीं- एक सीएए के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन और उनपर दिल्ली पुलिस की हिंसा कार्रवाई के दौरान जलाई गई डीटीसी बस की है. वहीं, दूसरी फोटो अरविंद केजरीवाल की है, जिसमें वो टोपी पहनकर किसी मंच पर बोल रहे हैं.

सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर दिल्ली बीजेपी
दिल्ली बीजेपी के इस ट्वीट को यूजर्स ने बताया कम्युनल
(फोटो: ट्विटर स्क्रीनशॉट)

बीजेपी को यूजर्स ने लताड़ा

अरविंद केजरीवाल की टोपी पहने हुए फोटो शेयर करने पर बीजेपी को खूब लताड़ा जा रहा है. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि बीजेपी का ये ट्वीट इस्लामोफोबिक और कम्युनल है.

इस्लामोफोबिया का मतलब है इस्लाम या मुस्लिमों के प्रति बिना किसी तर्क के डर और नफरत का पूर्वाग्रह.

एक यूजर ने लिखा कि कम्युनल होने के साथ-साथ बीजेपी ने हिंसा को ‘आर्ट’ बताया है.

एक यूजर ने लिखा, ‘दिल्ली बीजेपी का ट्विटर हैंडल तब भी खुलेआम कम्युनल हो रहा है, जब वो अपने सबसे बड़े हिंदू विरोधी की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने उनकी ऐसी फोटो का इस्तेमाल किया, जिसमें उन्होंने टोपी पहनी हुई है. शर्मनाक.’

एक यूजर ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने के लिए बीजेपी ने ऐसी फोटो चुनी, जिसमें वो ‘मुस्लिम कपड़ों’ में हैं, जबकि वो मुस्लिम नहीं हैं?

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“गिरती इकनॉमी का आर्टिस्ट कौन?”


बीजेपी के इस ट्वीट के बाद पार्टी को आलोचना तो झेलनी पड़ ही रही है, साथ ही साथ यूजर्स ने पार्टी को ‘अपनी करनी’ का भी एहसास कराया.

बीजेपी का कहना है कि 15 दिसंबर, 2020 को हुई इस घटना में बस प्रदर्शनकारियों ने जलाई थी, लेकिन अभी तक ये साबित नहीं हो पाया है.

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