आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) में ऐतिहासिक जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया. ऐसे में अब सभी की निगाहें एमसीडी (MCD) स्थायी समिति का नेतृत्व करने और शहरी स्थानीय निकाय के कामकाज का नेतृत्व करने के लिए अधिक क्षेत्रों के नियंत्रण पर टिकी हैं.
एकीकरण के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुचारू कामकाज के लिए दिल्ली नगर निगम के 12 प्रशासनिक क्षेत्रों के तहत 250 वाडरें का सीमांकन किया है. इन जोन में सेंट्रल, सिटी-एसपी (सदर पहाड़गंज), सिविल लाइंस, करोल बाग, केशव पुरम, नजफगढ़, नरेला, नॉर्थ शाहदरा, रोहिणी, साउथ शाहदरा, साउथ और वेस्ट शामिल हैं.
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की अधिसूचना के अनुसार, इन क्षेत्रों के अंतर्गत वाडरें की संख्या सबसे छोटे सिटी-सदर पहाड़गंज क्षेत्र के अंतर्गत 12 से लेकर शाहदरा उत्तरी क्षेत्र के अंतर्गत अधिकतम 35 वाडरें तक अलग हो सकती है.
चुनाव परिणाम के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) ने निकाय चुनाव में 134 वार्ड जीते हैं और सात क्षेत्रों-सिटी-सदर पहाड़गंज, रोहिणी, सिविल लाइंस, नरेला, दक्षिण, पश्चिम और करोल बाग में नियंत्रण हो सकता है. वहीं 104 वाडरें के साथ, बीजेपी (BJP) के पास चार क्षेत्रों- केशवपुरम, नजफगढ़, शाहदरा उत्तर और शाहदरा दक्षिण में बढ़त होगी. हालांकि मध्य क्षेत्र में, कांग्रेस के सदस्य निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि आप के पास 13 पार्षद हैं, बीजेपी के पास 10 और कांग्रेस के कुल 25 वाडरें में से 2 सदस्य हैं.
इसके अलावा, प्रत्येक क्षेत्र को एक वार्ड समिति द्वारा शासित किया जाता है जिसमें वार्ड के सभी निर्वाचित सदस्य और दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) के मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं. जोन में प्रशासनिक निर्णय लेने में वार्ड समिति की अहम भूमिका होती है.
हालांकि, जहां तक मनोनीत सदस्यों की बात है तो एलजी (LG) के पास कुल 10 एल्डरमैन चुनने का अधिकार है, लेकिन इन एल्डरमैन का जोन के अनुसार विभाजन अनिवार्य नहीं है. इसका मतलब है कि, एलजी या तो सभी 10 एल्डरमैन को एक ही क्षेत्र में नामांकित कर सकते हैं या उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में नियुक्त कर सकते हैं. जोकि नामांकित सदस्यों के पास वार्ड समितियों में मतदान करने और निर्णय बदलने की शक्ति होती है, इसलिए नामांकित सदस्यों की नियुक्ति किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण होती है.
वार्ड समिति आगे एमसीडी स्थायी समिति, एमसीडी के कामकाज के लिए शक्तिशाली प्रशासनिक इकाई के लिए एक सदस्य का चुनाव करती है. इसलिए जिस पार्टी का अधिक क्षेत्रों में नियंत्रण होगा उसे स्थायी समिति में और अंतत: भारत के सबसे बड़े स्थानीय शहरी निकाय का नेतृत्व करने में मजबूत पकड़ मिलेगी.
आईएएनएस
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