लोकसभा चुनाव अपने आखिरी चरण तक पहुंच चुका है. लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद से ही चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने छापेमारी शुरू कर दी थी. इस छापेमारी में देश के कई राज्यों से चुनाव आयोग ने करोड़ों रुपये जब्त किए. अभी तक चुनाव आयोग ने कुल 3439 करोड़ रुपये जब्त करके नया रिकॉर्ड बना दिया है. इससे पहले किसी भी लोकसभा चुनाव में इतना कैश नहीं पकड़ा गया है.
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल 1200 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया था. लेकिन इस चुनाव में लगभग इससे तीन गुना कैश बरामद हो चुका है. अभी अंतिम चरण का चुनाव खत्म होने तक इसके बढ़ने के आसार हैं
तमिलनाडु से सबसे ज्यादा रुपये जब्त
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु से सबसे ज्यादा रुपये बरामद किए गए. तमिलनाडु से अभी तक 950 करोड़ रुपये जब्त हुए हैं. वहीं गुजरात भी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने यहां से 552 करोड़ रुपये जब्त किए. दिल्ली से 426 करोड़ रुपये पकड़े गए.
मिली 500 शिकायतें
चुनाव आयोग को पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता की 500 शिकायतें मिलीं. ये शिकायतें 10 मार्च के बाद नेताओं और लोकसभा उम्मीदवारों के खिलाफ की गईं. करीब आधा दर्जन से ज्यादा शिकायतें पीएम मोदी के खिलाफ दर्ज हुईं, जिनमें से सभी में पीएम मोदी को क्लीन चिट मिल गई.
लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार लगाई गई. सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं की हेट स्पीच को लेकर आयोग को फटकार लगाई. जिसके बाद आयोग ने योगी आदित्यनाथ, आजम खान, नवजोत सिंह सिद्धू और मायावती जैसे नेताओं के चुनाव प्रचार पर कुछ घंटे का बैन लगाया.
पक्ष और विपक्ष के निशाने पर रहा आयोग
इस लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग लगातार विपक्ष के निशाने पर रहा. वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया. चुनाव आयोग से पीएम मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर विपक्ष ने आयोग पर सरकार के अधीन काम करने का आरोप लगाया. वहीं पश्चिम बंगाल मे चुनाव के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए बीजेपी ने चुनाव आयोग पर खूब हमला बोला.
कैसे जब्त होता है पैसा
दरअसल चुनाव शुरू होते ही काला धन बाहर आने लगता है. कालेधन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल चुनाव में ही किया जाता है. इसीलिए इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग एक खास दस्ता तैयार करता है. जो चुनाव के दौरान बिना किसी रसीद या सोर्स के कैश को पकड़ता है. ये पैसा नेताओं के घर, गाड़ी या फिर किसी चुनावी रैली के दौरान बरामद किया जाता है. हालांकि जिस पकड़े गए पैसे का सोर्स और हिसाब दे दिया जाता है, उसे वापस दे दिया जाता है. बाकी पकड़ा गया पैसा काला धन कहलाता है.
अगर चुनाव के दौरान इतने करोड़ काला धन पकड़ा जाता है, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितना ज्यादा काला धन मौजूद है. ये तो सिर्फ वो पैसे हैं जो चुनाव आयोग दस्ते ने पकड़े हैं, इससे कई गुना ज्यादा पैसे से चुनावी काम पूरे कर लिए गए होंगे. चुनाव में पैसा कितना काला और कितना सफेद होता है, इसके लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
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