एक बार फिर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने दिल खोलकर वोट दिया है. एनडीए को करीब साढ़े तीन सौ सीटें मिल रही हैं. ऐसे में इन चुनावी नतीजों में कई जीत-हार के समीकरण ऐसे हैं जो चौंका कर रख देते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही जोर के झटके, जो 2019 चुनाव नतीजों में लगे.
अमेठी में राहुल गांधी की हार, स्मृति की जीत
चुनाव नतीजों से पहले राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद की रेस में बताया जा रहा था. वो खुद अपनी परंपरागत सीट और कांग्रेस के गढ़ अमेठी से हार गए हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें 38,449 वोटों से हरा दिया है. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी हार स्वीकार कर स्मृति ईरानी को जीत की बधाई दी है.
भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीत
मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल से जीत रही हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय से प्रज्ञा सिंह साढ़े तीन लाख वोटों से आगे हैं. ये वही प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं जो पूरी चुनावी प्रक्रिया के साथ मुद्दा बनी रहीं. प्रज्ञा ने महात्मा गांधी के हत्यारे को देशभक्त बताया था, शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया था. लेकिन अब भोपाल के जनादेश ने बता दिया है कि उन्हें प्रज्ञा मंजूर हैं.
पश्चिम बंगाल में 'नमो-नमो'
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. राज्य में टीएमसी के बाद तीसरे नंबर की पार्टी समझे जाने वाली बीजेपी अब टीएमसी को कड़ी टक्कर दे रही है. खबर लिखे जाने तक बीजेपी 18 सीटों पर आगे दिख रही है, वहीं टीएमसी 22 सीटों पर आगे है. वहीं पश्चिम बंगाल में 1977 से लेकर 2011 तक कुल 34 साल लेफ्ट ने राज किया. साल 2011 में सत्ता खोने के बाद लेफ्ट का आधार खिसकता गया. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सीपीएम को महज 2 सीट पर जीत मिली और अब जो नतीजे सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक राज्य में उसे एक भी सीट नहीं मिलेगी.
यूपी में गठबंधन बेअसर
एनडीए की कामयाबी में यूपी का बड़ा योगदान है. उम्मीद जताई जा रही थी कि यूपी में महागठबंधन से बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक यूपी में NDA (बीजेपी+अपना दल) को 63 सीट और महागठबंधन को महज 16 सीट मिल सकती हैं. साफ है कि एसपी-बीएसपी-आरलेडी के महागठबंधन ने बीजेपी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. पिछले चुनाव में एसपी को 5, कांग्रेस को 2, अपना दल को 2 और बीएसपी को शून्य सीट मिली थी. इस बार बीएसपी-एसपी और आरएलडी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा है.
नायडू का 'मिशन दिल्ली' का सपना चकनाचूर
लोकसभा चुनाव के इन नतीजों के सबसे बड़े लूजर्स में से एक हैं टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू. केंद्र में गैर-बीजेपी दलों की सरकार बनाने के लिए नायडू ने दिन रात एक कर दिया था. अब आंध्र प्रदेश में ही पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा है. राज्य की 25 सीटों में पार्टी को महज 1 सीट ही मिल सकी है. वाईएसआर कांग्रेस को 24 सीटें मिली हैं. विधानसभा चुनाव भी नायडू की पार्टी हार चुकी है.
AAP का क्या होगा?
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीट जीती थी. अब ताजा नतीजों में हालत ये है कि पार्टी को एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली है.कांग्रेस जहां पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर है, वहीं आप दो सीटों पर दूसरे नंबर है. अरविंद केजरीवाल और पार्टी के सपनों के लिए ये बड़ा झटका है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)