चुनाव नतीजों से ठीक पहले ईवीएम और वीवीपैट का मुद्दा गरम है. देश के कई राज्यों में ईवीएम स्वैपिंग की खबरें सामने आने के बाद अब वीवीपैट पर्चियों के मिलान पर विपक्ष लामबंद है. विपक्षी दलों ने मंगलवार को चुनाव आयोग जाकर सबसे पहले वीवीपैट मिलान की मांग की है. जिस पर चुनाव आयोग अपना फैसला देगा. वहीं कई नेता भी ईवीएम और वीवीपैट को लेकर बयानबाजी में लगे हैं.
चुनाव आयोग से निकलने के बाद विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस
वीवीपैट मिलान पर खारिज हुई विपक्ष की मांग
वीवीपैट के मिलान को लेकर विपक्ष की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग जाकर मांग की थी कि काउंटिंग के दौरान सबसे पहले वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए.
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VVPAT को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उदित राज ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता उदित राज ने वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सप्रीम कोर्ट क्यों नहीं चाहता की VVPAT की सारी पर्चियों को गिना जाए क्या वो भी धांधली में शामिल है. चुनावी प्रक्रिया में जब लगभग तीन महीने से सारे सरकारी काम मंद पड़ा हुआ है तो गिनती में दो- तीन दिन लग जाए तो क्या फर्क पड़ता है.’
अपने इस बयान पर उदित राज ने सफाई भी दी है. उन्होंने कहा है कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठाया है, मैंने सिर्फ अपनी चिंता जाहिर की है.
वीवीपैट पर चुनाव आयोग ले सकता है फैसला
चुनाव आयोग कुछ ही देर में वीवीपैट की सबसे पहले गिनती पर फैसला ले सकता है. इससे पहले विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग जाकर मांग की थी कि काउंटिंग के दौरान सबसे पहले वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए. फिलहाल इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की बैठक जारी है.
VVPAT पर्चियों का मिलान पहले किया जाए, फिर वो काउंटिंग: विपक्ष
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद विपक्ष के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘’हमने मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर काउंटिंग की जाए.’’
विपक्षी दलों ने ये भी कहा कि अगर किसी एक बूथ पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए.
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया कि मतगणना से वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए.