ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस से समर्थन को तैयार तीसरा मोर्चा- टीआरएस का बड़ा बयान   

टीआरएस ने कहा- ‘सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन लेने को तैयार, लेकिन ड्राइविंग सीट नहीं देंगे’

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग अभी बाकी है. लेकिन राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय पार्टियों तक ने संभावित नतीजों को ध्यान में रखकर सरकार बनाने के समीकरण तैयार करने शुरू कर दिए हैं.

एनडीए और यूपीए के अलावा क्षेत्रीय दल भी तीसरा मोर्चा बनाकर सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं. तीसरे मोर्चे को बनाने की कोशिशों में जुटी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने कहा है कि अगर तीसरा मोर्चा सरकार बनाने की स्थिति में हुआ तो वह कांग्रेस का समर्थन लेने से पीछे नहीं हटेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘कांग्रेस से समर्थन लेने को तैयार, लेकिन ड्राइविंग सीट नहीं देंगे’

तीसरा मोर्चा बनाने में जुटी टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने कहा है कि तीसरा मोर्चा बनाने वाले तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन लेने को तैयार हैं, लेकिन उनकी शर्त सिर्फ इतनी है कि कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर बैठने की मांग न करे.

राव ने ही इस चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों की मदद से गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने की पहल शुरू की थी. लेकिन अब टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने कहा है कि पार्टी राहुल गांधी के साथ बातचीत करने को तैयार है. उन्होंने कहा-

‘केसीआर (राव) इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर फेडरल फ्रंट रहेगा और वही सरकार चलाएगा.’  

खान ने कहा कि अगर सरकार बनाने के लिए संख्याबल कम होगा तो बाहर से कांग्रेस का समर्थन लेने के बारे में सोचा जा सकता है.

‘क्षेत्रीय पार्टी का ही होगा पीएम’

लेकिन ऐसी स्थिति में भी सरकार तीसरे मोर्चे की होगी और कांग्रेस को बाहर से ही समर्थन देना होगा. हम इस बात पर दृढ़ है कि ड्राइवर सीट पर क्षेत्रीय पार्टियां ही होंगी. प्रधानमंत्री का पद भी फ्रंट में शामिल पार्टियों में से किसी का होगा.
आबिद रसूल खान, प्रवक्ता, टीआरएस

कांग्रेस से समर्थन लेने की बात पर खान ने कहा-

हम उनसे (कांग्रेस) बात करने को तैयार हैं. क्षेत्रीय पार्टियां इसका तब तक विरोध नहीं करेंगी जब तक कांग्रेस ड्राइवर सीट पर आने की कोशिश न करे.

‘बीजेपी से नहीं होगी कोई डील’

हालांकि, खान ने यह भी साफ किया कि तीसरा मोर्चा किसी भी सूरत में बीजेपी को सपोर्ट नहीं करेगा. खान ने कहा कि एसपी, बीएसपी, वाईएसआरसीपी, डीएमके और टीआरएस चुनाव में अच्छा करेंगी लेकिन कांग्रेस 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा-

हम बीजेपी के खिलाफ हैं. हम बीजेपी के साथ कुछ भी नहीं करना चाहते हैं, न तो उनका समर्थन करना चाहते हैं और न ही उनका समर्थन लेना चाहते हैं. केसीआर के साथ जिन दलों की बात हुई है, उनमें से ज्यादातर घटक दलों की एक ही राय है कि बीजेपी के साथ कोई डील नहीं होगी.

डीएमके प्रमुख स्टालिन भले ही कांग्रेस से अलग होने से इनकार कर चुके हों लेकिन टीआरएस का दावा है कि वह भी तीसरे मोर्चे का हिस्सा बन सकती है. खान ने कहा, 'अगर कांग्रेस अपने दमपर 180-200 सीट नहीं जीतती है तो डीएमके जैसे साथी उसका साथ छोड़कर तीसरे मोर्चे में आ सकते हैं.'

बता दें, चंद्रशेखर राव ने एमके स्टालिन से सोमवार को मुलाकात की थी. घंटेभर चली मीटिंग में दोनों ने लोकसभा चुनावों के बाद एक वैकल्पिक मोर्चा बनाने पर विचार-विमर्श किया था, जिसमें राव ने स्टालिन को तीसरे मोर्चे में आने को कहा. वहीं स्टालिन ने राव को ही यूपीए में शामिल होने का न्योता दे दिया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×