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गौतम गंभीर पर आतिशी के ताबड़तोड़ आरोप, जुबानी जंग भी जारी

आतिशी ने कहा, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो जगह से वोट नहीं दे सकता.

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पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने लगातार तीसरे दिन भी गौतम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने रविवार को रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) से गौतम गंभीर के आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन करने की शिकायत की है. आतिशी ने मांग की है कि गौतम गंभीर का नामांकन रद्द किया जाए. मामले की सुनवाई 1 मई को होनी है.

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गंभीर-आतिशी के बीच जुबानी जंग

इससे पहले पूर्वी दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर ने दो वोटर आईडी रखने के आरोपों पर पलटवार किया था. एक बयान में उन्होंने कहा, "जब आपके पास विजन नहीं होता है और आप साढ़े 4 साल में कुछ नहीं कर पाते तो ऐसे आरोप लगाते हैं. चुनाव आयोग इस मामले की जांच करेगा." उन्होंने आगे कहा कि जब आपके पास विजन होता है तब आप नकारात्मक राजनीति नहीं करते.

फिर आतिशी ने इस टिप्पणी पर गंभीर से पूछा कि टिकट पाने के लिए उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र में क्या किया है? आतिशी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर गंभीर पर हमला बोला और उनसे निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना विजन साझा करने के लिए कहा.

दो वोटर आईडी कार्ड का क्या है मामला?

इससे पहले आतिशी ने गौतम गंभीर के खिलाफ दिल्ली के दो अलग-अलग क्षेत्रों करोल बाग और राजेंद्र नगर से दो अलग-अलग वोटर कार्ड रखने पर आपराधिक मामला दर्ज कराया lE. आतिशी ने तीस हजारी कोर्ट में धारा 155(2) के तहत इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मामले की पुलिस जांच की मांग की गई है.

वोटर लिस्ट में दो जगह से नाम दर्ज कराना अपराध

आतिशी ने मीडिया से कहा था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो जगह से वोट नहीं दे सकता. धारा 31 के तहत कोई व्यक्ति अगर दो जगह से वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराता है तो उसे एक साल तक की सजा दी जा सकती है.

आतिशी ने ये भी कहा कि गंभीर ने नामांकन के समय रिटर्निग ऑफिसर को सौंपे अपने हलफनामे में कहा है कि वह सिर्फ विधानसभा क्षेत्र राजिंदर नगर-39, भाग संख्या 43, सीरियल नंबर 285, ईपीआईसी नंबर- एसएमएम 1357243 में मतदान करने के लिए रजिस्टर्ड हैं.

आप नेता ने कहा, "हालांकि, ये पता चला है कि गंभीर को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र करोल बाग -23, भाग संख्या 86, सीरियल नंबर 87, ईपीआईसी नंबर- आरजेएन1616218 में भी वोट देने के लिए रजिस्टर्ड किया गया था." उन्होंने कहा कि चुनावी हलफनामे में दी गई गलत जानकारी भी उक्त अधिनियम की धारा 125ए के तहत दंडनीय है, जिसमें छह महीने की जेल का समय है.

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