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हिमाचल में ढह गए कई किले, मंत्रियों की बुरी हार- 10 बड़े नेताओं का रिजल्ट

कांग्रेस की 6 बार से विधायक आशा कुमारी डलहौजी से हार गईं, कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज की कसुम्पटी में हार

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Election Result) में कांग्रेस (Congress) ने सत्ता में वापसी की है और जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) की अगुवाई में बीजेपी (BJP) को हार का सामना करना पड़ा है. सवाल है कि बड़े नेताओं का चुनाव में क्या हुआ. कौन जीता, कौन हारा. तो चलिए जानते हैं कि हिमाचल चुनाव 2022 में बड़े नेताओं का क्या हाल रहा.

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हिमाचल के बड़े नेताः कौन जीता, कौन हारा?

1. जयराम ठाकुर- सिराज विधानसभा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज सीट से छठवीं बार मैदान में उतरे थे. उन्होंने एक बार फिर अपने गढ़ में लोहा मनवाया है और बड़ी जीत हासिल की है, भले ही उनकी पार्टी चुनाव हार गई. जयराम ठाकुर को 52076 वोट मिले हैं जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के चेत राम रहे हैं जिन्हें 15069 वोट मिले हैं. इनके अलावा सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है और कोई भी उम्मीदवार 1 हजार वोट पाने में कामयाब नहीं हो सका है.

2. विक्रमादित्य सिंह- शिमला ग्रामीण विधानसभा

पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत लिये शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव में उतरे थे और उन्होंने भी बड़ी जीत हासिल की है. विक्रमादियत्य सिंह को यहां 34 हजार 334 वोट मिले हैं जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के रवि कुमार महता रहे हैं जिन्हें 20 हजार 915 वोट हासिल हुए हैं. अगर वोट प्रतिशत को देखें तो विक्रमादित्य सिंह को 60 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं.

3. मुकेश अग्निहोत्री- हरोली विधानसभा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके मुकेश अग्निहोत्री ने जीत की हैट्रिक लगा दी है. उन्हें 37 हजार 756 वोट मिले हैं जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के राम कुमार रहे हैं जिन्हें 29 हजार 008 वोट मिले हैं. इस सीट पर भी बाकी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.

4. सुरेश भारद्वाज- कसुम्पटी विधानसभा

सुरेश भारद्वाज जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और 2007 से लगातार विधायक रहे. उन्हें इस बार शिमला विधानसभा की कसुम्पटी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया था लेकिन वो अपना चुनाव हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह ने हराया है जिन्हें 25 हजार 251 वोट मिले हैं. जबकि सुरेश भारद्वाज को 16 हजार 820 वोट ही मिल पाये हैं.

5. सुखविंदर सुक्खू- नादौन विधानसभा

सुखविंदर सुक्खू भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और मौजूदा विधायक थे. उन्होंने अपना चुनाव जीत लिया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू को 35 हजार 011 वोट मिले हैं. जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के विजय कुमार रहे हैं, जिन्हें 31 हजार 954 वोट हासिल हुए हैं.

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6. आशा कुमारी- डलहौजी विधानसभा

कांग्रेस के चुनाव जीतने की स्थिति में जिन नामों की चर्चा थी उनमें आशा कुमारी का नाम भी शामिल था लेकिन छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की बहन को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. वो 6 बार की विधायक रही हैं और इस चुनाव में बीजेपी के देविंदर सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. देविंदर सिंह को 32 हजार 863 वोट मिले हैं. जबकि आशा कुमारी को 23 हजार 073 वोट हासिल हुए हैं.

7. राजीव सैजल- कसौली विधानसभा

राजीव सैजल हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और 2007 से विधायक थे लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. कसौली विधानसभा सीट से कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी की जीत हुई है, जिन्हें 27 हजार 908 वोट मिले हैं. जबकि राजीव सैजल को 21 हजार 225 वोट हासिल हुए हैं.

8. धनी राम शांडिल- सोलन विधानसभा

धनी राम शांडिल कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं, वो 1999 से 2009 तक सांसद रहे हैं और 2012 से विधायक हैं. उन्होंने सोलन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. धनी राम शांडिल को 29 हजार 523 वोट मिले हैं जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी राजेश कश्यप दूसरे नंबर पर रहे हैं. जिन्हें 25 हजार 887 वोट मिले हैं.

9. गोविंद सिंह ठाकुर- मनाली विधानसभा

गोविंद सिंह ठाकुर 2007 से लगातार जीतते आ रहे थे और जयराम सरकार में मंत्री भी थे. लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ से वो हार गए हैं. गौड़ को 29 हजार 331 वो मिले हैं जबकि गोविंद ठाकुर को 26 हजार 468 वोट हासिल हुए हैं.

10. राकेश सिंघा- ठियोग विधानसभा

ठियोग विधानसभा सीट को सीपीआईएम का गढ़ माना जाता है लेकिन इस बार यहां से CPIM के राकेश सिंघा को हार का सामना करना पड़ा है. यहां से कांग्रेस के कुलदीप सिंह राठौर ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 18 हजार 709 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अजय श्याम रहे हैं जिन्हें 13 हजार 809 वोट मिले हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय उम्मीदवार इंदु वर्मा को 13 हजार 635 वोट मिले हैं. जबकि सीपीआईएम के राकेश सिंघा को 12 हजार 003 वोट हासिल हुए हैं. और वो चौथे नंबर पर रहे हैं.

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