सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट एंड मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए वॉलेंटरी कोड ऑफ एथिक्स पेश कर दिया है. इससे सोशल साइट पर पेड पॉलिटिकल विज्ञापनों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
इस कोड ऑफ एथिक्स को तैयार करने वाले सदस्यों ने चुनाव आयोग के नोडल ऑफिसर के साथ स्वेच्छा से प्रायरिटी बेसिस पर कम्यूनिकेशन स्थापित करने की बात कही है. इसके तहत BIGO, बाइटडांस, फेसबुक, Google, शेयरचैट और ट्विटर ने भी नोडल अधिकारी के बताए कंटेंट पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए सहमति व्यक्त की है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस कदम की तारीफ की
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने कमेंट में एसोसिएशन और इसमें भाग लेने वाले सदस्यों द्वारा उठाए गए इन सक्रिय कदमों की प्रशंसा की. इस कदम से पेड पॉलिटिकल विज्ञापनों में पारदर्शिता के साथ उसके फंडिंग एजेंसी के डिटेल के साथ किये जाने वाले खर्च का भी पूरा ब्योरा सुनिश्चित किया जा सकेगा.
इस मुहिम में भाग लेने वाले सदस्यों ने MCMC सर्टिफिकेशन को अपलोड करने के लिए खास तकनीक बनाई है. साथ ही सभी सदस्यों ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक पेड विज्ञापनों से सम्बंधित सभी गड़बड़ियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का अपना कमिटमेंट भी जाहिर किया है.
IAMAI सदस्यों और ECI के बीच संपर्क सूत्र का काम करेगा. IAMAI और इसके सभी सदस्यों ने संयुक्त रूप से आचार संहिता के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए अपना कमिटमेंट दिखाया है.
इससे पहले, चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार को हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों से कहा था कि वो मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की तर्ज पर एक ऐसा कोड तैयार करें जो आगामी चुनाव और लॉन्ग टर्म दोनों में इस्तेमाल हो सके.
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