“मैंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर अपना स्टैंड नहीं बदला है. मुझे अपना स्टैंड बदलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नेताओं की तरह, मुझे वोटरों को नहीं लुभाना है.”
ये कहना है कनक दुर्गा का, जो 2 जनवरी 2019 को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली चुनिंदा महिलाओं में से एक थीं. क्विंट से इंटरव्यू में, दुर्गा ने कहा कि वो चाहती हैं कि मंदिर में प्रवेश की इच्छुक महिलाओं को ऐसा करने दिया जाए.
43 वर्षीय दुर्गा, CPI(M) की वर्कर्स यूनियन, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) की सदस्य हैं. दुर्गा पर जहां CPI(M) का स्टैंड थोड़ा नर्म होता दिख रहा है, वहीं CITU ने पिछले दो सालों से उनकी सजा बरकरार रखी है.
CPI(M) ने बदला अपना रुख
CPI(M) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रैटिक फ्रंट (LDF) सरकार ने ‘गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति’ वाले मामले छोड़कर ‘सेव सबरीमाला’ आंदोलन से जुड़े सभी केस वापस ले लिए हैं. 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले, पार्टी के प्रमुख नेता और कैबिनेट मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के बाद केरल में “अनहोनी की घटनाओं” पर “पछतावा” व्यक्त किया.
उस समय LDF सरकार ने सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया था, वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों ‘श्रद्धालुओं के विरोध’ के समर्थन में खड़ी थी.
“परिवार ने अस्वीकार कर दिया”
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में 10 से 50 साल की महिलाओं को केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमित दी थी. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के तहत आने वाले गृह विभाग ने उन महिला श्रद्धालुओं को भी सुरक्षा प्रदान की थी, जो मंदिर में प्रवेश करना चाहती थीं.
इसके बाद, कनक दुर्गा और बिंदु अम्मिनी ने 2 जनवरी 2019 को मंदिर में प्रवेश किया था. दोनों महिलाओं को मंदिर में प्रवेश पर बीजेपी से आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसने महिलाओं के मंदिर प्रवेश के खिलाफ रैली करने के लिए हजारों लोगों को जुटाया. नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मामले को एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया.
कनक दुर्गा पूछती हैं, “क्या चुनावी नतीजे प्रगतिशील राजनीति से ज्यादा मायने रखते हैं?”
दुर्गा को मंदिर में प्रवेश करने के बाद कथित तौर पर अपने भाई, पूर्व पति और सास सहित अपने परिवार के सदस्यों से जान के खतरे का सामना करना पड़ा था. अब तक, CITU ने कनक दुर्गा पर हुए हमलों की निंदा नहीं की है. प्रवेश के बाद दुर्गा ने अपनी सास पर शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे. उनका अब तलाक हो चुका है. दुर्गा के खुद के परिवार ने भी उन्हें अस्वीकार कर दिया है.
“मेरा भाई अब भी चाहता है कि मैं जनता से माफी मांगू. उन्होंने ये साफ कर दिया है कि वो मुझे मायके में तभी आने देंगे जब मैं ऐसा करूंगी.”कनक दुर्गा
दुर्गा अब मलप्पुरम जिले के पीरिएथलमन्ना में अकेली रहती हैं.
“बहुसंख्यक भावनाएं को सपोर्ट कर रही CPI(M)”
CITU की तालुक स्तर की नेता रहीं दुर्गा का मानना है कि CPI(M) ने बदलाव इसलिए किया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि केरल का समाज प्रोग्रेसिव जेंडर पॉलिटिक्स के लिए तैयार नहीं है.
“CPI(M) को लगता है कि सबरीमाला में समाज ने जेंडर रिफॉर्म को स्वीकार नहीं किया है. पार्टी विधानसभा में दूसरा कार्यकाल चाहती है, इसलिए नेतृत्व ने बहुसंख्यक भावनाएं का समर्थन करने का फैसला किया है, जो स्पष्ट रूप से सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ है.”कनक दुर्गा
सुरेंद्रन की टिप्पणी को खारिज करते हुए दुर्गा ने कहा कि वो “रिग्रेसिव रुख” अपनाने वाले किसी भी नेता का समर्थन नहीं करेंगी. दुर्गा ने कहा कि मंत्री से उलट, उन्हें कभी “अपने फैसले पर पछतावा नहीं होगा” और वो अपने काम के लिए “परिणाम का सामना करने के लिए तैयार” हैं.
सबरीमाला मुद्दे पर कांग्रेस
कांग्रेस ने इस साल फरवरी के दूसरे सप्ताह में ‘सबरीमाला अयप्पा डिवोटीज (प्रोटेक्शन ऑफ रिलीजियस राइट्स, कस्टम्स और यूसेज) एक्ट, 2021’ नामक एक कानून का मसौदा जारी किया था. इसमें मंदिर की परंपरा के किसी भी तरह के उल्लंघन को दंडित करने का वादा किया गया है, जिसमें 10 और 50 साल के बीच महिलाओं के प्रवेश को रोकना शामिल है. कांग्रेस ने कहा है कि अगर यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (UDF) सत्ता में आती है, तो इसे लाया जाएगा.
एबीपी-सी-वोटर पोल समेत चुनावी सर्वेक्षण में, केरल विधानसभा चुनाव में CPI(M) के नेतृत्व वाली LDF सरकार बनाती दिख रही है. लेकिन फिर भी, मतदाताओं को खुश करने के उपायों को अपनाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है.
“प्रगतिशील राजनीति का समर्थन करने वाले नेताओं की भारी कमी है. मुझे लगता है कि CPI(M) में भी ऐसे नेताओं की कमी है. बहुत कम कम्युनिस्ट नेता अब प्रगतिशील विचार के लिए खड़े हैं.”कनक दुर्गा
कनक दुर्गा ने पूछा- “मैं क्यों डरूं?”
क्या दुर्गा CITU या CPI(M) से आलोचनाओं को लेकर डरती हैं, क्योंकि वो सबरीमाला पर पार्टी के विचारों का समर्थन नहीं करतीं?
कनक दुर्गा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि धार्मिक सिद्धांतों को महिलाओं की जिंदगी का नियंत्रण करना चाहिए. उन्होंने क्विंट से कहा,
“जो लोग मंदिर की धार्मिक परंपरा को कायम रखना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने दें, लेकिन उन्हें ऐसे लोगों पर हमला करने का कोई अधिकार नहीं है, जो नहीं चाहते कि परंपरा महिलाओं के बराबरी के अधिकार में बाधा उत्पन्न करे. राजनीतिक दलों को यह स्पष्ट करना चाहिए.”
दुर्गा ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सबरीमाला पर सीधे-सीधे अपने पुराने रुख से अलग नहीं हुए हैं, वो अभी भी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होगा. दुर्गा ने कहा कि पार्टी के दूसरे नेताओं को उनके अटूट रुख से सीखना चाहिए.
दुर्गा ने कहा कि वह केवल उन्हीं नेताओं का समर्थन करेंगी, जो महिलाओं के अधिकारों के लिए खड़े हैं.
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