Lok Sabha Election 2024: देश में तीसरी बार भी मोदी सरकार! इस बार भी विपक्ष की पार्टियां लोकसभा में अपनी सीट का साइड बदलने नहीं जा रहीं. ऐसा हम नहीं एग्जिट पोल अनुमान लगा रहे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 44 दिनों का राजनीतिक टेस्ट मैच खत्म हो गया है. जनता ने चुनावी पिच पर अपनी बैटिंग पूरी कर ली है. उसकी 7 चरणों वाली इनिंग खत्म हो चुकी है. अब सबकी नजर अंपायर यानी चुनाव आयोग पर है जो 4 जून को EVM के अंदर से स्कोर खंगालेंगे और रिजल्ट हम सबके सामने होगा.
लेकिन अगले 3 दिनों में नेशन का मूड सेट करने के लिए हम सबके सामने एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां हैं. चाय की टपरी से लेकर ड्राइंग रूम के सोफे तक, राजनीतिक चकल्लस की सुगबुगाहट तेज है.
हिंदी पट्टी में अभी भी चल रहा मोदी का सिक्का
विपक्षी पार्टियां 2024 के चुनाव को बेरोजगारी, गरीबी और साम्प्रदायिकता जैसे मुद्दे पर बार-बार लाकर खड़ा करती रहीं. लेकिन हिंदी पट्टी से जनता का सिर्फ एक ही फैसला निकल कर सामने आता दिख रहा है- उन्हें मोदी ही चाहिए. पोल ऑफ पोल्स यानी एग्जिट पोल्स के औसत में देखे तो 2019 की अपेक्षा हिंदी पट्टी में भले बीजेपी को थोड़ी सीटों का नुकसान होता दिख रहा है लेकिन दबदबा अभी भी कायम है.
राजस्थान, बिहार, हरियाणा, दिल्ली में कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है. 2019 में राजास्थान की 25 में से 25 सीट जीतने वाली बीजेपी (1 गठबंधन में) को इस बार 4-5 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है. ऐसे ही बिहार में भी कुछ हद तक तेजस्वी कमबैक करते दिख रहे हैं. 2019 में खाता भी नहीं खोल सकने वाली आरजेडी को एग्जिट पोल्स में 4-6 सीटें मिल सकती हैं. दिल्ली में बीजेपी एक सीट खोती दिख रही है.
वहीं दूसरी तरफ पोल्स ऑफ पोल में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ में बीजेपी क्लीन स्वीप करती दिख रही है. एग्जिट पोल्स में मध्यप्रदेश के नतीजे 2019 के तर्ज पर ही दिख रहे हैं यानी बीजेपी 29 में से 28 सीटों पर जीत का कारनामा दोहरा सकती है.
बंगाल में दीदी के साथ तो ओडिशा में नवीन बाबू के साथ 'खेला'
2019 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया था उसको सबने गजब करार दिया. उसने राज्य की 42 में से 18 सीटें जीतीं. 5 साल बाद एग्जिट पोल्स ने भविष्यवाणी की है कि पार्टी इस बार और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए इससे भी बड़ा झटका क्या हो सकता है क्योंकि अधिकांश एग्जिट पोल में कहा गया है कि लोकसभा सीटों के मामले में बीजेपी अब बंगाल में सबसे बड़ी पार्टी होगी. पोल ऑफ पोल्स में बीजेपी के लिए 23 और तृणमूल कांग्रेस के लिए 18 सीटों की भविष्यवाणी की गई है.
अगर 4 जून को कुछ ऐसे ही नतीजे आते हैं तो कहा जा सकेगा कि बीजेपी का संदेशखाली हिंसा, ममता सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप और तुष्टिकरण का मुद्दा उठाना काम कर गया है.
वहीं पड़ोसी राज्य ओडिशा में बीजेपी और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. एग्जिट पोल्स की माने तो राज्य की 21 सीटों में से 15-18 सीटें जीतकर नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को हाशिये पर सीमित कर सकती है. यह सूबे की राजनीति में बड़ा परिवर्तन हो सकता है क्योंकि नवीन पटनाय करीब 24 साल से लोगों की निर्विवाद पसंद बने हुए हैं.
साउथ में भी बीजेपी की एंट्री
ऐसा प्रतीत होता है कि एनडीए को उत्तरी राज्यों में कुछ सीटों का नुकसान हो रहा है, लेकिन बीजेपी इसकी भरपाई साउथ में कर रही है. लगभग सभी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि बीजेपी तमिलनाडु और केरल में अपना खाता खोल सकती है, जहां उसने आजतक एक भी सीट नहीं जीती है.
अगर फाइनल नतीजे भी इसी तर्ज पर रहते हैं तो यह बीजेपी के लिए बड़ी जीत होगी. क्योंकि बीजेपी ने पिछले 10 वर्षों में दक्षिणी राज्यों, विशेषकर केरल और तमिलनाडु में पैठ बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं.
AAP के लिए सवाल बड़े
अगर एग्जिट पोल्स की माने तो दिल्ली में AAP-कांग्रेस की जोड़ी को बड़ा झटका लग सकता है. पोल ऑफ पोल्स में दिल्ली की 7 में से 6 पर बीजेपी फिर से बाजी मारती दिख रही है. यही नहीं पंजाब में भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ा डेंट मिलता दिख रहा है. पार्टी 0 से 2 सीटों पर सिमटती दिख रही है. अगर फाइनल नतीजे इसी तर्ज पर रहते हैं तो जेल और घोटालों की लपटों से झुलस रही पार्टी के लिए मुश्किलें और बढ़ेंगी.
हालांकि आखिर में एक अहम बात. एग्जिट पोल्स जो तस्वीर पेश कर रहे हैं वो सिर्फ अनुमान हैं. असल नतीजे 4 जून को आएंगे और कहानी एकदम जुदा हो सकती है.
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