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कांग्रेस की नई लिस्ट जारी, गुना से लड़ेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया

मनीष तिवारी को आनंदपुर साहिब से टिकट

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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस पार्टी ने 7 नए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से पिछले चार बार से लगातार जीत दर्ज करा रहे कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है.

वहीं, कांग्रेस ने पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से मनीष तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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कांग्रेस पार्टी ने इन सात सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार

  1. मध्य प्रदेश के गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया
  2. पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से मनीष तिवारी
  3. मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से शैलेंद्र पटेल
  4. पंजाब के संगरूर से केवल सिंह ढिल्लन
  5. बिहार के वाल्मीकि नगर से शाश्वत केदार
  6. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख से रिगडिन स्पलबर
  7. मध्य प्रदेश के राजगढ़ से मोना सुस्तानी
मनीष तिवारी को आनंदपुर साहिब से टिकट

लंबी माथापच्ची के बाद फाइनल हुई सिंधिया की टिकट

कांग्रेस पार्टी ने लंबी माथापच्ची के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना सीट से उम्मीदवार बनाया है. दरअसल, सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि वह इस बार उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. हालांकि, इतना तय था कि इस सीट से सिंधिया घराने के ही किसी को टिकट दिया जाएगा.

गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूदा सांसद हैं और इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर 1999 से कांग्रेस का कब्जा है.

गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के लिए अबतक हुए उपचुनाव समेत 20 चुनावों में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली है. ज्योतिरादित्य की दादी विजयराजे सिंधिया छह बार, पिता माधवराव सिंधिया चार बार और खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया चार बार यहां से जीते हैं. एक बार सिंधिया राजघराने के करीबी महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने जीत दर्ज कराई थी.

गुना सीट के चुनाव के लिए मतदान छठे चरण के तहत 12 मई को होगा. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.

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मनीष तिवारी को आनंदपुर साहिब से टिकट

कांग्रेस ने मनीष तिवारी को पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से उम्मीदवार बनाया है. तिवारी ने साल 2009 में लुधियाना लोकसभा सीट से जीत दर्ज कराई थी. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.

साल 2014 का चुनाव न लड़ने की वजह से मनीष तिवारी पार्टी में हाशिए पर आ गए थे. हालांकि, पार्टी ने उन्हें हाल ही में दोबारा प्रवक्ता बनाया है.

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