ADVERTISEMENTREMOVE AD

Lok Sabha Exit Poll 2024: 2004 से लेकर 2019 तक कितने सही साबित हुए एग्जिट पोल?

सबसे रोचक चुनाव परिणाम 2004 का रहा, जिसने सभी एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया था.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

Lok Sabha Exit Poll 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का 7वां और अंतिम चरण का चुनाव 1 जून की शाम 6 बजे खत्म हो गया. इसके साथ ही समाचार एजेंसियां इस बात का अनुमान लगाना शुरू कर दी हैं कि देश में किसकी सरकार बनने वाली है. सभी एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल जारी कर दिए हैं. लेकिन, सवाल है कि इन एजेंसियों के एग्जिट पोल कितने सही होते हैं? इसको समझने के लिए हमें 2004 से लेकर 2019 के एग्जिट पोल का एनालिसिस करना होगा, जिससे ये पता चल सकेगा कि आखिर इन एजेंसियों के दावे में कितना दम है?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

साल 2019 के एग्जिट पोल में NDA-UPA को कितनी सीटें?

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब सभी समाचार एजेंसियों के एग्जिट पोल ने बीजेपी की सरकार बनाई थी. इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया ने NDA को 339-365 सीटें दी थीं. जबकि, UPA को 77-108 सीटों के मिलने का अनुमान लगाया था.

ऐसे ही ABP News Nielsen ने NDA को 277 जबकि UPA को 130 और अन्य के खाते में 135 सीटें जानें की भविष्यवाणी की थी.

News 24 Today's Chanakya ने NDA को 336-364, UPA को 86-104, जबकि अन्य के खाते में 86-108 सीटें दी थी.

वहीं, News18-IPSOS ने NDA को 336 तो UPA को 82 और अन्य के खाते में 124 सीटें जाने का अनुमान लगाया था. उस वक्त NDA और UPA आमने-सामने थे. इस बार NDA वही है लेकिन, UPA का नाम बदलकर INDIA हो गया है.

Times Now VMR ने NDA को 306 और यूपीए को 132 सीटें मिलने की संभावना जताई थी. वहीं, इंडिया टीवी CNX ने एनडीए को 300 सीटें और यूपीए को 120 सीटें दी थीं.

चुनाव आयोग के मुताबिक साल 2019 के चुनाव के लिए कुल 91.05 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे. इनमें 61.08 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस तरह से 2019 के लोकसभा चुनावों में 67.09% वोट पड़े थे, जिसमें से पुरुषों ने 67.01%, महिलाओं ने 67.18% और अन्य ने 14.58% वोटिंग की थी.

कितने सही हुए थे 2019 के एग्जिट पोल?

अगर साल 2019 के एग्जिट पोल का एनालिसिस करेंगे तो एक दो को छोड़कर पाएंगे कि कमोबेश सभी एग्जिट पोल करीब-करीब सही साबित हुए थे. इनमें सभी ने बीजेपी की सरकार बनाई थी. इनमें इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया ने 339-365 और चाणक्या ने 336-364 सीटें दी थीं, ऐसे में दोनों के एग्जिट पोल के आंकड़े रिजल्ट के बिल्कुल करीब थे. हालांकि, अन्य पोल एजेंसियों ने एनडीए को आगे तो बताया लेकिन बीजेपी की सीटें ठीक से भांप नहीं सकीं.

साल 2019 के 542 सीटों पर घोषित हुए परिणाम के मुताबिक, NDA ने लोकसभा में 352 सीटों पर कब्जा किया, जबकि यूपीए को केवल 91 सीटें मिलीं. जिसमें बीजेपी ने सबसे ज्यादा 303 सीटें जीती थीं. इसके बाद कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटों पर कब्जा किया और बीएसपी ने 10, भाकपा के 2, माकपा के 3 और एनसीपी के 5 सांसदों ने जीत हासिल की थी.

चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार बनी थी और 30 मई 2019 को वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.

साल 2014 के एग्जिट पोल में किसकी सरकार?

इसी तरह साल 2014 के एग्जिट पोल का एनालिसिस करेंगे तो CNN-IBN – CSDS–Lokniti ने एनडीए के खाते में 276 सीटें और यूएपीए के खाते में 97 सीटें जाने का अनुमान लगाया था. वहीं, सर्वे एजेंसी ने बीजेपी को 236 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. जबकि कांग्रेस में 77 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.

India Today–Cicero ने NDA के खाते में 272 और UPA की झोली में 115 सीटें जाने का अनुमान लगाया था. जबकि अन्य के खाते में 156 सीटें जाने की संभावना जताई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

News 24–Chanakya ने NDA को 340 सीटें और बीजेपी को 291 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. वहीं, UPA को 70 सीटें और कांग्रेस के खाते में 57 सीटें जाने का लगाया था, जबकि अन्य के खाते में 133 सीटें जाने की भविष्यवाणी की थी.

Times Now–ORG ने NDA के खाते में 257 और UPA को 135 और अन्य को 151 सीटें दी थीं.

ABP News–Nielsen ने NDA को 281 सीटें, UPA को 97 और अन्य को 165 सीटें मिलने की संभावना जताई थी.

कितने सही हुए साल 2014 के एग्जिट पोल?

लोकसभा चुनाव 2014 के सभी एग्जिट पोल में एनडीए को ही बहुमत के साथ सरकार बनाते हुए बताया था लेकिन सबसे करीब सटीक भविष्यवाणी News 24–Chanakya ने की थी.

2014 का रिजल्ट को देखें तो एनडीए ने 336 सीटें जीती थी. जिसमें बीजेपी ने अकेले ही बहुमत से अधिक का आंकड़ा पार कर लिया था. बीजेपी को 282 सीट मिली, जिससे वह भारत के 67 साल के इतिहास में जादुई संख्या को पार करने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी बनकर उभरी. वहीं, यूएपीए को 66 सीटें मिलीं, जिसमें से कांग्रेस के खाते में 44 सीटें गई थीं. वहीं, अन्य की झोली में 147 सीटें आईं थी.

2009 के एग्जिट पोल और रिजल्ट क्या थे?

2009 के एग्जिट पोल में CNN-IBN-Dainik Bhaskar ने एनडीए को 165-185 सीटें मिलने की संभावना जताई थी. वहीं, यूपीए को 185 से 205 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था.

इसी तरह STAR NIELSON ने NDA को 196 सीटें और UPA को 199 सीटें मिलने की संभावना जताई थी.

वहीं, इंडिया टीवी सी वोटर ने एनडीए को 183-195 और यूपीए को 189-201 सीटें मिलती हुईं दिखाईं.

2009 के रिजल्ट को देखें तो यूपीए ने 262 सीटें जीती और एनडीए ने 159 सीटें. इस तरह से रिजल्ट देखें तो एग्जिट पोल से रिजल्ट अलग रहा, क्योंकि पोल एजेंसियों ने यूपीए की सीटें कम आंकी. पोल एजेंसियां यूपीए को 185-195 सीटें देते नजर आईं, जबकि यूपीए 262 सीट कर सत्ता पर काबिज हुई. जिसमें से कांग्रेस को 206 सीटें मिलीं और बीजेपी को 116 सीटें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

2004 के एग्जिट पोल रहे गलत

सबसे रोचक चुनाव परिणाम 2004 का रहा, जिसने सभी एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया. एग्जिट पोल देखें तो एनडीटीवी AC NIELSEN ने एनडीए को 230 से 250 सीटें और कांग्रेस को 190 से 205 सीटें जीतने की संभावना जताई थी.

इसी तरह 'आज तक मार्ग' ने भी एनडीए को 248 सीटें और कांग्रेस को 190 सीटें मिलने का अनुमान लगाया.

स्टारन्यूज सी वोटर ने एनडीए को 263 से 275 और कांग्रेस को 174 से 186 और अन्य को 86 से 98 सीटें मिलने की संभावना जताई.

कमोबेश सभी एग्जिट पोल निकालने वाली एजेंसियों ने एनडीए की ही सरकार बनती हुई दिखाई, पर 2004 के चुनाव परिणाम जारी हुए तो सभी एग्जिट पोल फेल साबित हुए.

2004 में यूपीए ने 208 सीटें जीतकर सरकार बनाई और एनडीए को महज 181 सीटों से संतोष कर विपक्ष में बैठना पड़ा.

ऐसे में इस बार के एग्जिट पोल कितने सही साबित होंगे ये तो 4 जून को रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा.

एग्जिट पोल कभी सही तो कभी गलत साबित होते आए हैं. एग्जिट पोल जमीनी स्तर पर लोगों का मूड बताते हैं, लेकिन उनकी सटीकता कई कारकों पर निर्भर करती है- जैसे सैंपल आकार, भौगोलिक कवरेज और मतदाताओं की स्पष्टता.

आम तौर पर जब लोग समूहों में मतदान करते हैं, तो यह अनुमान लगाना आसान होता है कि हवा किस ओर बह रही है, लेकिन जब लोग समूह में नहीं बल्कि अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं, तब सर्वे में सटीक आंकड़ा का अनुमान लगाना बड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि ऐसे वक्त में साइलेंट वोटर्स बड़ी भूमिका निभाते हैं, तब सर्वे सटिक तौर पर सही नहीं निकल पाते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×