देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आयोग पर सत्ताधारी दल बीजेपी की ‘ज्यादतियों' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर ‘मूक दर्शक' बने रहने का आरोप लगाया है. चिदंबरम को लगता है कि आयोग पीएम के बयानों पर गंभीरता तक नहीं दिखाता, ऐसे में देश की जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.
‘चुनाव आयोग को 37 ज्ञापन दे चुकी है कांग्रेस’
कांग्रेस के मुताबिक, पार्टी पिछले कुछ दिनों में चुनाव आयोग को 37 ज्ञापन दे चुकी है. जिनमें 10 मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के ‘नफरत भरे भाषणों, विभाजनकारी, ध्रुवीकरण करने वालों बयानों' से जुड़े हैं. हाल ही में कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार सेना का नाम लेकर आचार संहिता का ढिठाई से उल्लंघन किया है.
‘नाकामियों को छुपाने की कोशिश है राष्ट्रवाद’
मौजूदा लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रवाद के मुद्दे को चिदंबरम ने खोखला दावा करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार अपने कार्यकाल के नाकामियों को छुपाने के के लिए मीडिया के सहारे राष्ट्रवाद के विचार को भुनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि हर भारतीय देशभक्त है. किसी देशभक्त को राष्ट्र-विरोधी नहीं कहा जा सकता.
साथ ही उन्होंने दावा किया की ये प्रासंगिक मुद्दा नहीं है बल्कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की बीजेपी की कोशिश है. चिदंबरम ने बीजेपी के पांच साल के कार्यकाल पर कहा कि क्या हर भारतीय पांच साल पहले से ज्यादा खुश है ? उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. हर भारतीय डर के माहौल में जी रहा है. महिलाएं, दलित, आदिवासी, पत्रकार, शिक्षाविद सभी डर में जी रहे हैं.
फिर से सरकार बनाएगी UPA
आम चुनाव के बाद यूपीए की सरकार बनने की संभावनाओं के सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बीजेपी फिर सत्ता में नहीं आ पाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार गैर-बीजेपी होगी. जाहिर तौर पर कांग्रेस और चुनाव पूर्व हुए विपक्षी गठजोड़ बड़ी भूमिका निभाएंगे. अगर चुनाव के बाद और गठबंधन होते हैं तो मुझे लगता है कि यूपीए-3 की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं. चिदंबरम के मुताबिक एसपी, बीएसपी और तृणमूल कांग्रेस जैसे समस्त गैर-बीजेपी दल स्थिर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि एसपी, बीएसपी और टीएमसी कांग्रेस और अन्य यूपीए में शामिल दलों के साथ हाथ मिलाएंगे जो अभी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं.''
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