मिजोरम (Mizoram) विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है और छह पार्टियों के गठबंधन जोराम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) अब सरकार बनाने जा रही है. MNF के सत्ता गंवाने के साथ ही उसके सीएम जोरमथांगा और डिप्टी सीएम तावंलुइया भी अपनी सीटों पर चुनाव हार गए हैं. राज्य की 40 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को मतदान हुआ था.
ZPM गठबंधन को बहुमत
छह पार्टियों का गठबंधन जोराम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने मिजोरम में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, उसने 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीती हैं और एक पर आगे चल रही है. राज्य में बहुमत का जादूई आंकड़ा 21 है.
सत्तारूढ़ पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने सात सीटें जीत ली हैं और तीन अन्य पर आगे चल रही है. बीजेपी दो सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है और कांग्रेस एक पर आगे चल रही है.
मिजोरम में चुनाव परिणाम में, निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा आइजोल पूर्व-1 निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गए. उनके डिप्टी तावंलुइया को भी तुइचांग में हार का सामना करना पड़ा है.
BJP को दो सीटों पर मिली जीत
MNF, ZPM और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. मिजोरम में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे.
Exit Poll में ZPM के क्लीन स्वीप के संकेत
कुछ एग्जिट पोल में ZPM द्वारा क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन बहुमत ने त्रिशंकु विधानसभा का संकेत दिया, जिसमें किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला.
2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में, MNF ने 26 सीटें और ZPM ने आठ सीटें जीतीं, जिससे पांच सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई. बीजेपी ने एक सीट जीती थी.
विपक्ष ने CM जोरमथांगा पर लगाए गंभीर आरोप
जोरमथांगा की पार्टी ने उन्हें "चिन-कुकी-जो जनजातियों के संरक्षक" के रूप में पेश किया है, हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वियों और बीजेपी जैसी अन्य पार्टियों ने उन पर भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक नहीं लगाने और खराब बुनियादी ढांचे का आरोप लगाया है.
NDA की सहयोगी MNF
हालांकि, MNF राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का सहयोगी है, लेकिन जोरमथांगा ने - म्यांमार में चिन-कुकी जनजातियों के साथ रिश्तेदारी और पारिवारिक संबंधों का हवाला देते हुए - खुले तौर पर कम से कम 40,000 शरणार्थियों को आश्रय दिया है, जो पड़ोसी देश में जुंटा शासन से भाग गए थे.
एक दिन के लिए टला चुनाव परिणाम
ZPM प्रमुख लालदुहोमा ने कहा कि लोग MNF से थक चुके हैं. लालडुहोमा ने चुनाव प्रचार के दौरान NDTV को दिए इंटरव्यू में कहा था, "मिजोरम लंबे समय से एमएनएफ के अधीन रहा है और लोग वास्तव में अपने शासन के तरीके में बदलाव चाहते हैं. वे भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं."
हालांकि, मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को ही जारी होने थे. लेकिन चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, चर्चों और छात्र संगठनों की अपील के बाद इसे 4 दिसंबर के लिए टाल दिया क्योंकि रविवार ईसाई-बहुल राज्य में प्रार्थना का दिन है.
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