चुनाव खत्म होने के ठीक बाद होने वाली विपक्ष की बैठक को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है. बताया जा रहा है कि इस बैठक से बीएसपी प्रमुख मायावती और टीएमसी लीडर ममता बनर्जी किनारा कर सकती हैं. इनके अलावा अखिलेश यादव भी इस बैठक को टाल सकते हैं. इससे पहले खबर थी कि 21 विपक्षी दल चुनाव के ठीक बाद 21 मई को दिल्ली में बैठक करने वाले हैं. जिसमें कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के बड़े नेता हिस्सा लेंगे.
बैठक के लिए नतीजों का इतंजार
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ममता बनर्जी से मिलने पश्चिम बंगाल गए थे. यहां उन्होंने विपक्ष की बैठक के बारे में चर्चा की. लेकिन ममता चुनाव के बाद बैठक को तैयार नहीं थीं. उनका कहना था कि जब तक चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते हैं तब तक बैठक की कोई भी जरूरत नहीं है. इसके अलावा मायावती का भी कुछ ऐसा ही कहना था.
विपक्षी दल पहले ही किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहते हैं. अगर रिजल्ट के बाद उनकी अच्छी सीटें आती हैं और सरकार बनाने को लेकर उनकी बड़ी भूमिका होती है तो ऐसे में ये दल गेंद अपने ही पाले में रखना चाहते हैं. नतीजों से पहले ही कोई कमिटमेंट नहीं करना चाहते
कांग्रेस से बना रहे दूरी
विपक्षी दल अब खुद गेम चेंजर की भूमिका में खुद को देख रहे हैं. इसीलिए उन्होंने अब कांग्रेस से लगातार दूरी बनानी शुरू कर दी है. अगर एनडीए को बहुमत हासिल नहीं हुआ तो ऐसी स्थिति में मायावती, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. 21 मई को होने वाली बैठक का नेतृत्व कांग्रेस को ही करना था. लेकिन अब विपक्षी दलों के मुंह फेरने वाली बात से कहीं न कहीं कांग्रेस को झटका लग सकता है.
बता दें कि मायावती और अखिलेश पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पर लगातार हमले बोलते आए हैं. दोनों ने ही कांग्रेस को बीजेपी की ही तरह बताया. उनका कहना है कि कांग्रेस भी बीजेपी की तरह विपक्षी पार्टियों को दबाने का काम करती है. अखिलेश यादव ने तो ये तक कह दिया था कि बीजेपी को कांग्रेस ने ही ये सब करना सिखाया है.
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