ADVERTISEMENTREMOVE AD

आधार डेटा का गलत इस्तेमाल, BJP की दलील स्वीकार नहीं: मद्रास HC

पुडुचेरी में बीजेपी पर आधार डेटा के गलत इस्तेमाल के मामले में सुनवाई, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पुडुचेरी विधानसभा चुनावों में आधार डेटा के गलत इस्तेमाल के मामले में मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस केस को लेकर हाईकोर्ट ने पुडुचेरी बीजेपी और UIDAI को फटकार लगाई. मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीर बताते हुए UIDAI से जवाब देने को कहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हाईकोर्ट ने कहा कि पुडुचेरी में बीजेपी ने चुनावी लाभ के लिए आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर लोगों को मैसेज भेजे, यह एक गंभीर आरोप है जिस पर UIDAI को जवाब देना चाहिए.

लोगों की प्राइवेसी भंग हुई, यह गंभीर मामला: HC

मद्रास हाईकोर्ट ने डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ए आनंद की ओर से दायर याचिका सुनवाई की. जिसमें कहा गया है कि पुडुचेरी बीजेपी ने गलत तरीके से आधार डेटा का इस्तेमाल किया और बूथ लेवल व्हाट्स ग्रुप ज्वाइन करने के लिए लोगों को इनवाइट लिंक्स भेजे.

हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिसने नागरिकों की प्राइवेसी को भंग किया है.

बार एंड बेंच के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस रामामूर्ति ने कहा कि, यह एक गंभीर आरोप है कि सिर्फ आधार लिंक मोबाइल नंबरों पर ही मैसेज मिले. इस मामले में UIDAI को जांच करके जवाब देना चाहिए.

हाईकोर्ट ने कहा कि, “चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक पार्टी लोगों की निजता को भंग नहीं कर सकती है. यह एक गंभीर मसला है और इस चुनावी माहौल में यह मुद्दा खोना नहीं चाहिए.”

हाईकोर्ट ने कहा कि “इस मामले में पुडुचेरी बीजेपी की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि उनके कार्यकर्ताओं ने आधार का यह डेटा डोर टू डोर कैंपेन करके जुटाया है.”

पुडुचेरी बीजेपी के वकील ने जज से कहा कि, पार्टी ने सेलफोन से संबंधित कोई डेटा नहीं चुराया है.

बीजेपी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि, आधार डेटा और फोन नंबर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 महामारी के दौरान लंबी अवधि में जुटाया था. इसका इस्तेमाल रचनात्मक तरीकों से मैसेज भेज कर मतदाताओं को बूथ लेवल व्हाट्स एप ग्रुप पर जोड़ने का था.

मद्रास हाईकोर्ट ने इस UIDAI से जवाब मांगा है कि आखिर बीजेपी कार्यकर्ताओं आधार डेटा की डिटेल्स् कैसे पहुंची.

हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से भी कहा कि, मतदाताओं की प्राइवेसी की रक्षा करना इलेक्शन कमीशन की संवैधानिक जिम्मेदारी है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या चुनाव आयोग पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ चुनावी आचार संहिता तोड़ने के बारे में विचार कर रहा है.

याचिका में बीजेपी पर क्या आरोप है?

Bar and Bench के अनुसार मद्रास हाईकोर्ट में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ए आनंद ने याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि पुडुचेरी के नागरिकों को पुदुचेरी बीजेपी की ओर से व्हाट्स ग्रुप ज्वाइन करने के मैसेज के माध्यम से लिंक प्राप्त हुए थे, हालांकि बाद में पता चला कि ये मैसेज बीजेपी शासित राज्य के किसी व्यक्ति द्वारा भेजे गए थे.

इस याचिका में आरोप लगाया है कि बीजेपी ने आधार डिटेल्स का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के उद्देश्य से किया है, साथ ही आधार नंबर के जरिये मतदाताओं के फोन नंबर भी निकाले.

याचिकाकर्ता ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल होने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि सरकार ने राजनीतिक हितों के लिए मतदाताओं की गोपनीयता के साथ खिलवाड़ किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×