कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे घोटालेबाजों को बचाने में केंद्र की मोदी सरकार की साठगांठ थी. कांग्रेस का आरोप है कि इस पूरे मामले की जानकारी पहले से ही केंद्र सरकार को थी, उसके बावजूद वो हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और ये दोनों विदेश भाग गए.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए इस बारे में कुछ दस्तावेज भी मीडिया को दिखाए. उन्होंने आरोप लगाया कि 26,306 करोड़ रुपये के पीएनबी कर्ज घोटाले में आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के फर्जी सौदों, संदिग्ध कर्ज, कालेधन और अघोषित खातों की पूरी जानकारी पहले से ही सरकार को थी.
सुरजेवाला ने अपने आरोपों के समर्थन में आयकर विभाग की 10,000 पन्नों की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आठ जून, 2017 को यह रिपोर्ट तैयार की थी. लेकिन वित्त मंत्रालय के गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व आसूचना महानिदेशालय (डीआरआई) को फरवरी, 2018 तक यानी 8 महीने तक यह रिपोर्ट नहीं मिली.
सुरजेवाला का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को इस मामले की सारी जानकारी थी, लेकिन वे हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, जिससे इन आरोपियों को विदेश भागने का मौका मिला.
सुरजेवाला ने दावा किया कि मोदी सरकार के पहले 44 महीनों, यानी जनवरी 2018 तक देश में 19,000 बैंक घोटाले हुए, जिनमें देश को 90,000 करोड़ रु. की चपत लगी. उन्होंने कहा कि 23 घोटालेबाज देश के 53,000 करोड़ रु. से ज्यादा लेकर सरकार की नाक के नीचे से देश से फरार हो गए.
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