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हरियाणा: उमर खालिद को मारने वाला था गोली, अब शिवसेना ने दिया टिकट

नवीन दलाल के खिलाफ तीन पुलिस केस चल रहे हैं 

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हरियाणा विधानसभा चुनावों में शिवसेना ने एक विवादित शख्स को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है. जिसका नाम नवीन दलाल है. उसे शिवसेना ने बहादुरगढ़ से टिकट दिया है. बता दें कि नवीन दलाल वही शख्स है जिसने पिछले साल जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर जानलेवा हमला किया था. नवीन दलाल ने 6 महीने पहले ही शिवसेना ज्वाइन की है और वो शिवसेना के बहादुरगढ़ का जिलाध्यक्ष है.

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नवीन दलाल को टिकट देने पर शिवसेना के हरियाणा(दक्षिण) प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि ‘‘नवीन हमेशा ही गोरक्षा के मुद्दे उठाते रहते हैं और जो लोग देशविरोधी नारे लगाते हैं उनके खिलाफ भी आवाज उठाते हैं. इसलिए पार्टी ने उनको चुना है.’’

खुद को गोरक्षक बताते हैं नवीन दलाल

नवीन दलाल के खिलाफ तीन पुलिस केस चल रहे हैं 

नवीन दलाल ने गौ रक्षक सेना नाम का एक गोरक्षा संगठन भी बना रखा है. साथ ही हाल ही में उन्होंने शिवसेना की सदस्यता भी ली है. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए नवीन ने कहा,

‘‘हम (नवीन और शिवसेना) गोरक्षा, राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान जैसे मुद्दों पर ही लड़ रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों को गाय, राष्ट्रवाद, किसान और गरीब से कुछ लेना देना नहीं है. ये सिर्फ राजनीति करते हैं.’’

अगस्त 2018 में नवीन दलाल ने दरवेश शाहपुर के साथ मिलकर दिल्ली के कॉनस्टीट्यूशन क्लब के बाहर गोली चलाई थी. इस हमले में उमर खालिद बाल-बाल बचे थे क्योंकि बंदूक जाम हो गई थी. इसके बाद दलाल और शाहपुर वहां से फरार हो गए थे. इसके बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि वो हमला ''देश को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा था.'' नवीन दलाल फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनका केस कोर्ट में चल रहा है.

शिवसेना नेता ने नवीन दलाल का बचाव करते हुए कहा कि वो हमला नवीन का देशप्रेम दिखाने का तरीका था. नवीन को इस बात का गुस्सा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई इसलिए नवीन ने ऐसा किया. नवीन के चुनावी हलफनामे में लिखा है कि उनके खिलाफ 3 पुलिस केस पेंडिंग हैं

फौज में जाने का था शौक

नवीन दलाल बताते हैं कि वो अपने गांव में मिट्टी के दंगल में हिस्सा लिया करते थे. साथ ही 60 किग्रा कैटेगरी में वो स्टेट लेवल भी खेल चुके हैं. लेकिन 2010 में चोट लगने के कारण कुश्ती छोड़ दी थी. इसके साथ ही नवीन बताते हैं कि उनको फौज में जाने का मन था जिसके लिए कई बार कोशिश भी की लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं हो पाई. लेकिन फिर भी वो देश के लिए कुछ करना चाहते थे तो उन्होंने गोरक्षा शुरू कर दी.

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