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कश्मीर पर सोशल मीडिया: कहीं स्वागत-सत्कार, कहीं चीख-पुकार

जम्मू-कश्मीर से हटाया गया आर्टिकल 370

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जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से चल रहे तनाव के बीच, गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार, 5 अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया. राष्ट्रपति की मंजूरी से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया गया है, साथ ही अब ये एक राज्य की बजाय केंद्र शासित प्रदेश होगा. वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.

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कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने पर जितना हंगामा सदन में हुआ, उतना ही हंगामा सोशल मीडिया पर भी हो रहा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले के साथ हैं. हम उम्मीद करते हैं कि ये फैसला राज्या में विकास और शांति लेकर आएगा.'

कभी AAP का हिस्सा रहे कवि कुमार विश्वास ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया. इस पल को ऐतिहासिक बताते हुए विश्वास केजरीवाल पर तंज कसने से भी बाज नहीं आए. अरविंद केजरीवाल को बीजेपी सरकार के फैसले का समर्थन करता देख, विश्वास ने ट्विटर पर लिखा, 'हमने जब सेना के समर्थन में वीडियो बनाया तब तो अपने घर पर पालित अमानती कुत्तों से हमको घेर कर मारने की कह रहे थे,अब क्या हुआ? चादर फटी तो प्रसाद लूटने आ गए सबूत मांगने वाले? इतिहास का कूड़ेदान हर दगाबाज देशद्रोही की प्रतीक्षा में है.'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'आजादी के बाद कश्मीर और लद्दाख को आज आजादी मिली है और जिस उद्देश्य को लेकर भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी, 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे', का सपना पूरा हुआ.'

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आर्टिकल 370 हटाने पर बीजेपी की तारीफ

अनुपम खेर समेत कई लोगों ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल को हटाने पर केंद्र सरकार की तारीफ की. ट्विटर यूजर्स ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया.

बीजेपी सरकार के आलोचक रहे यूट्यूबर ध्रुव राठी ने भी आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का स्वागत किया. राठी ने लिखा, 'आखिरकार बीजेपी ने अपना वादा पूरा कर दिया. मैं इस फैसले के साथ हूं. ये शांति, प्रगति और कश्मीरी जीवन को बेहतर बनाना चाहिए, लेकिन इस तरह के ऐतिहासिक निर्णय के प्रभाव की भविष्यवाणी करना असंभव है. सबसे बेहतर की उम्मीद करते हैं.'

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विरोध में भी उठीं कई आवाजें

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के सरकार के फैसले का विरोध किया. वहीं कुछ इस बात से भी नाराज थे कि आर्टिकल 370 पर संसद में केवल डेढ़ घंटे बहस हुई.

जर्नलिस्ट सुप्रिया शर्मा ने लिखा कि ये लोकतंत्र का मजाक है.

एक्टिविस्ट शेहला राशिद ने लिखा कि सरकार के इस फैसले को वो सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगी. उन्होंने दिल्ली और बेंगलुरू में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का भी ऐलान किया.

एक यूजर ने लिखा कि सरकार कश्मीर के साथ वही कर रही है जो अंग्रेजों ने भारत के साथ किया था.

एक ने लिखा, ‘आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारतीय संविधान का वादा था. हमने वो आज तोड़ दिया है. एक वादा तोड़ा गया है, बाकी भी तोड़े जा सकते हैं.’

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कश्मीर अब पूर्ण रूप से भारत का हिस्सा?!

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