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जोमैटो पर जंग:गैर हिंदू का दिया खाना नामंजूर करना भी कुछ को मंजूर!

जोमैटो के जवाब को लेकर ट्विटर पर बने दो गुट

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फूड एग्रीगेटर कंपनी जोमैटो बुधवार, 31 जुलाई को दिनभर ट्विटर पर पहले नंबर पर ट्रेंड करती रही. कारण? एक यूजर ने जोमैटो से अपना ऑर्डर सिर्फ इसलिए कैंसल कर दिया, क्योंकि डिलीवरी बॉय हिंदू नहीं था. इस यूजर को जवाब देते हुए जोमैटौ ने कहा कि 'खाने का कोई धर्म नहीं होता, ये अपने आप में एक धर्म है.' इसके बाद से ही ट्विटर पर जोमैटो की खूब तारीफ हो रही है.

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ट्विटर यूजर पंडित अमित शुक्ल, जिनके हैंडल का नाम @NaMo_SARKAAR है, उन्होंने लिखा, 'अभी जोमैटो पर अपना ऑर्डर कैंसल किया. उन्होंने एक गैर-हिंदू को ऑर्डर डिलीवर करने के लिए भेजा था. उन्होंने कहा कि वो राइडर नहीं बदलेंगे और कैंसल करने पर रिफंड भी नहीं देंगे. मैंने कहा कि आप मुझे ऐसी डिलीवरी लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. मुझे रिफंड नहीं चाहिए, बस मेरा ऑर्डर कैंसल कर दीजिए.'

पंडित अमित शुक्ल ने इसके साथ कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किए.

जोमैटो को मिला सोशल मीडिया यूजर्स का साथ

जोमैटो को फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने कंपनी के जवाब का साथ देते हुए लिखा, 'हमें देश और इसकी विविधता और हमारे सम्मानित ग्राहकों पर गर्व है. हमारे मूल्यों के रास्ते में आने वाला बिजनेस खोने का हमें कोई अफसोस नहीं है.'

बॉलीवुड एक्टर स्वरा भास्कर ने भी जोमैटो की तारीफ करते हुए लिखा, 'असली भारत और उसके मूल्यों के लिए खड़े होने के लिए शुक्रिया दीपेंद्र गोयल. आप एक सच्चे नागरिक और देशभक्त हैं. मुझे उम्मीद है कि ट्रोल्स के खिलाफ नहीं खड़े होने वाले बड़े संगठनों को इससे हिम्मत मिलेगी.'

कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि अब अगला बेवकूफी भरा सवाल होगा कि आपका शेफ हिंदू है कि नहीं. उन्होंने ट्रोल के खिलाफ खड़े होने के लिए जोमैटो की तारीफ भी की.

बिजनेसमैन हर्ष गोयनका ने भी इसपर ट्वीट कर कहा, 'अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मैं कौन हूं, तो मैं कहूंगा भारतीय, बेटा, पिता, एक बिजनेसमैन और हिंदू... हिंदू होना मेरी पहचान का बस एक हिस्सा है. फिर भी दुनियाभर में, पहचान को धर्म के संकीर्ण दायरे और बाकी सभी पहचानों से अलग परिभाषित किया जा रहा है. ये एक खतरनाक ट्रेंड है.'

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर ये भी लिखा जोमैटो के इस ट्रेंड के लिए सभी को आज जोमैटो से ऑर्डर भी करना चाहिए.

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ऑर्डर कैंसल करने वाले यूजर को भी मिल रहा सपोर्ट

वहीं दूसरी ओर, कई ट्विटर यूजर्स पंडित अमित शुक्ल के सपोर्ट में भी आ गए हैं. कई सोशल मीडिया यूजर्स #IStandWithAmit के साथ ट्वीट कर उनका बचाव कर रहे हैं. इन यूजर्स का कहना है कि अमित शुक्ल ने जो किया वो सही था.

एक यूजर ने लिखा, ‘क्या आजादी में केवल बीफ खाने, राष्ट्रगान के सपोर्ट में नहीं खड़े होने, प्रियंका चोपड़ा के सिगरेट पीने और सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश शामिल है. सावन के दौरान अमित शुक्ल के एक गैर-हिंदू से डिलीवरी न लेने पर इतना ढोंग क्यों?’

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हलाल पर बवाल

ट्विटर पर कुछ स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहे हैं. इसमें एक यूजर ने हलाल मीट को लेकर जोमैटो से शिकायत की है. इसपर जोमैटो ने जवाब में यूजर से उसकी डिटेल्स मांगी है, ताकि वो मामले की जांच कर सके.

इसे लेकर भी ट्विटर पर विवाद हो गया है. यूजर्स का कहना है कि जोमैटो एक मुस्लिम यूजर की मदद कर रही है, लेकिन एक हिंदू की शिकायत सुनने को तैयार नहीं है. लोगों ने लिखा कि ये जोमैटो का डबल स्टैंडर्ड है.

इसके बाद जोमैटो ने एक लंबा-चौड़ा बयान जारी कर बताया कि हलाल केवल एक टैग है जो यूजर को उनकी पसंद का खाना सर्च करने में मदद करता है. जोमैटो ने लिखा, 'खाने का कोई धर्म नहीं होता. ये इंसान तय करता है कि उसे क्या खाना है क्या नहीं- भले आप एक धार्मिक व्यक्ति हों या नहीं. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, और इसलिए कोशिश करते हैं कि सभी जानकारी यूजर को दी जाए ताकि वो उन्हें उनकी पसंद का खाना मिले. जैसे हमारे पास जैन फूड, वीगन फूड और नवरात्रि थावी के भी टैग हैं.'

‘जोमैटो पर हलाल टैग उन रेस्टोरेंट्स के लिए है जो ये बताना चाहते हैं. मीट परोसने वाले रेस्टोरेंट एक संगठन से हलाल सर्टिफिकेशन लेते हैं. कैटेगोराइज करने में हमारा कोई रोल नहीं होता है, हम हलाल फूड सर्व करने वाले रेस्टोरेंट से केवल इसका प्रूफ लेते हैं. FSSAI का लाइसेंस अनिवार्य है. हलाल सर्टिफिकेशन स्वैच्छिक है.’
जोमैटो ने बयान में कहा
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डिलीट कर रहे हैं ऐप

कई यूजर्स ने जोमैटो ऐप का इस्तेमाल करने वाले लोगों से इसे अनइंस्टॉल कर कंपनी को सबक सिखाने को कहा.

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