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राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का चमचा बताकर फंस गई पायल रोहतगी?

राजा राममोहन राय पर की टिप्पणी को लेकर पायल हुईं सोशल मीडिया पर ट्रोल

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बॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल रहीं पायल रोहतगी एक बार फिर अपने ट्वीट को लेकर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने ब्रह्म समाज के संस्थापक और समाज सुधारक राजा राममोहन राय पर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने सती प्रथा का समर्थन करते हुए राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का चमचा कह दिया. राजा राममोहन राय पर की इस टिप्पणी को लेकर पायल को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है.

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पायल के इस एक्शन पर सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों का नेगेटिव रिएक्शन मिला है. इस पोस्ट के लिए पायल सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रही हैं. एक यूजर और पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट साकेत गोखले ने मुंबई पुलिस को टैग करते हुए कहा है कि पायल के इस बयान पर सती प्रिवेंशन एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सती प्रथा का गुणगान किया है. आगे उन्होंने लिखा कि आशा है मुंबई पुलिस जल्द ही इस मामले पर कठोर कार्यवाई करेगी.

साकेत को रिप्लाई करते हुए पायल रोहतगी के एक फैन क्लब पेज ने उन्हें इंग्लिश किताबें पढ़ने की सलाह दी है.

एक यूजर ने पायल की पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "गोडसे एक देशभक्त थे. महात्मा गांधी राष्ट्र के लिए खतरा थे. सावरकर वीर थे और अब सती रूढ़िवादी नहीं थी. स्वागत है आपका नए ट्रांसफॉर्म और प्रोग्रेसिव भारत में."

यूजर संदीप मनुधने ने ट्वीट कर पायल को रिप्लाई कर लिखा, 'जौहर सती नहीं था. जौहर घुसपैठियों से बचने के लिए किया जाता था, वहीं सती को हिंदू पति की मौत के बाद पत्नी पर थोपा जाता था.'

सती प्रथा की शुरुआत की जानकारी देते हुए एक यूजर ने गुजरात बोर्ड टॉपर रहीं पायल के ट्वीट पर रिप्लाई में कहा, 'सती की शुरुआत मुगलों के भी भारत आने से पहले 1016 साल पहले हुई थी.'

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कैसे हुई इस पूरे विवाद की शुरुआत

इस पूरे मामले की शुरुआत पायल के एक रीट्वीट से हुई थी. पायल ने इंडियन हिस्ट्री पिक्स के एक ट्वीट को कोट किया था, जिसमें लिखा था कि राजा राममोहन राय एक समाज सुधारक थे और उन्होंने ब्रह्म समाज मूवमेंट की स्थापना की थी. उन्होंने देश से सती प्रथा को खत्म करने के लिए आंदोलन भी चलाया था.

इसे रीट्वीट करते हुए पायल ने कहा, "राजा राममोहन राय ब्रिटिशर्स के चमचे थे, जिनका इस्तेमाल ब्रिटिशर्स ने सती प्रथा को बदनाम करने के लिए किया था.” उन्होंने आगे लिखा कि सती प्रथा कभी भी महिलाओं के लिए जरूरी नहीं थी. उन्होंने आगे लिखा कि सती प्रथा कभी भी महिलाओं पर थोपी नहीं गई थी. इसकी शुरुआत सिर्फ हिन्दू महिलाओं को मुगल शासकों से बचाने के लिए की गई थी. उस समय ये महिलाओं की खुद की मर्जी थी कि वो इसे चुने या नहीं. सती किसी भी मामले में रूढ़िवादी प्रथा नहीं थी.

विवादित बयानों से सुर्खियों में रहीं हैं पायल

बिग बॉस कंटेस्टेंट रहीं पायल हमेशा से ही अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहीं हैं. उन पर आरोप है कि वो सोशल मीडिया पर विवादित बयान देने के पैसे लेती हैं. हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था की दिल्ली की हर सड़क जिसका नाम मुगल शासकों के नाम पर रखा गया है उसका नाम बदल दिया जाना चाहिए और भारतीय हीरोज के नाम पर रख दिया जाना चाहिए. इतना ही नहीं अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि भारत में मुसलमानों की संख्या 20 करोड़ हो गई है और देश के मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए.

बता दें, 'तौबा-तौबा', '6 चाइना टाउन' जैसी फिल्मों में काम कर चुकी पायल रोहतगी नच बलिए और बिग बॉस जैसे लोकप्रिय रियलिटी शोज में भी काम कर चुकी हैं.

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