तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Election) के लिए गुरुवार, 30 नवंबर को वोटिंग होगी. राज्य की 119 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होना है. चुनाव के परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे. इस बार 2,290 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इस लिस्ट में के चंद्रशेखर राव, उनके बेटे केटी रामा राव, ए रेवंत रेड्डी, बंदी संजय कुमार, डी अरविंद और सोयम बापुराव जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
तेलंगाना की पांच सीटें जिनपर रहेगी सबकी नजर
कामारेड्डी: केसीआर वर्सेस रेवंत
मुख्यमंत्री कल्वाकुन्तला चन्द्रशेखर राव (केसीआर) दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे जिसमें से एक राज्य की कामारेड्डी विधानसभा सीट है. ये सीट जहीराबाद लोकसभा में आती है. इस सीट पर 2014 और 2018 में केसीआर पार्टी के नेता गम्पा गोवर्धन ने चुनाव जीता था. गोवर्धन 1994 से लगातार पांच बार कामारेड्डी विधानसभा से जीत चुके हैं.
इससे पहले द क्विंट से बात करते हुए आईटी मंत्री और केसीआर के बेटे केटी रामा राव ने कहा था कि उनके पिता द्वारा कामारेड्डी को चुनने का कारण यह है कि "वहां कुछ क्षेत्र थे जिन्हें समर्थन की जरूरत थी. अगर केसीआर गारू वहां से चुनाव लड़ते हैं, तो इससे इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा."
इस सीट पर कड़ी टक्कर हो सकती है क्योंकि यहां से तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख ए रेवंत रेड्डी भी मुकाबला में हैं. रेवंत कोडंगल से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उन्होंने 2014 और 2009 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के टिकट पर विधायक के रूप में जीत हासिल की थी. कामारेड्डी में बीजेपी के वेंकटरमण रेड्डी भी मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं.
गजवेल: केसीआर वर्सेस एटाला
गजवेल मुख्यमंत्री केसीआर का गृह क्षेत्र है, यहां से उन्होंने 2014 और 2018 दोनों में लगभग 20,000 और 50,000 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की है. लेकिन इस बार केसीआर की टक्कर अपने दोस्त से दुश्मन बने एटाला राजेंदर से है.
राजेंद्र, जो केसीआर के मंत्रिमंडल में मंत्री थे, को 2021 में भूमि-हथियाने के विवाद में शामिल पाए जाने के बाद बाहर कर दिया गया था. एक समय कम्युनिस्ट नेता रहे, राजेंद्र केसीआर के साथ झगड़े के बाद बीजेपी में चले गए और फिर से विधायक चुने गए. राजेंद्र भी दूसरी सीट, अपने गढ़ हुजूराबाद से चुनाव लड़ रहे हैं.
सिरसिला
सिरसिला सीट से भारत राष्ट्र समिति के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष, मंत्री और मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे कल्वाकुंतला तारक राम राव (KTR) इस सीट से चुनाव लड़ेंगे. इस बार केटीआर का मुकाबला कांग्रेस के केके महेंद्र रेड्डी और बीजेपी की रानी रुद्रमा रेड्डी करेंगी.
चंद्रायनगुट्टा: अकबरुद्दीन औवेसी का गढ़
असदुद्दीन औवेसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन औवेसी का चंद्रायनगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र पर दो दशक से अधिक समय से दबदबा रहा है. चंद्रायनगुट्टा में 65 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं.
हालांकि, इस बार अटकलें लगाई जा रही थीं कि एआईएमआईएम अकबरुद्दीन के बेटे नूरुद्दीन को चंद्रायनगुट्टा से उम्मीदवार बनाया जा सकता था लेकिन फिर ऐसा नहीं हुआ. अकबरुद्दीन कांग्रेस के बी नागेश (नरेश), बीआरएस के मुप्पी सीताराम रेड्डी और बीजेपी के कौडी महेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
करीमनगर: मौजूदा विधायक वर्सेस मौजूदा सांसद
करीमनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी बनाम बीआरएस है, यहां से मौजूदा सांसद बंदी संजय कुमार तीन बार के मौजूदा विधायक और कैबिनेट मंत्री गंगुला कमलाकर से मुकाबला कर रहे हैं. संजय कुमार, राज्य में बीजेपी प्रमुख रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत बताती है कि वे एक दिग्गज उम्मीदवार हैं.
कितने लोग डालेंगे वोट?
मतदाता सूची के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, तेलंगाना राज्य में मतदाताओं की संख्या 3.17 करोड़ है, जिनमें से 5,32,990 युवा मतदाता हैं, 5,06,493 दिव्यांग जन हैं, 2,557 थर्ड जेंडर हैं और 4,43,943 वरिष्ठ नागरिक (80+) हैं.
2018 में हुए तेलंगाना चुनाव में क्या स्थिति रही?
2018 के तेलंगाना चुनाव में:
तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) ने 88 सीटें जीतीं थी
कांग्रेस ने 19 सीटें
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 2 सीटें
बीजेपी ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 7 सीटें जीतीं
निर्दलीय ने एक सीट जीती थी
2018 के चुनाव में बीआरएस को 46 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था. वहीं कांग्रेस को 28 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था, टीडीपी को 3 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था और बीजेपी 6 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था.
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