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तेलंगाना में चुनाव प्रचार समाप्त: पार्टियों ने झोंकी ताकत, अब जनता के जिम्मे पतवार

Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे

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तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Election) के लिए प्रचार अभियान मंगलवार, 28 नवंबर की शाम को समाप्त हो गया. सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS), कांग्रेस और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने अंतिम दिन राज्य भर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया और रोड शो में भाग लिया.

मोटरसाइकिल रैलियां, पदयात्राएं, नुक्कड़ सभाएं, पब्लिक मीटिंग और घर-घर जाकर प्रचार करना शाम तक जारी रहा. उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए आखिरी कोशिश की.

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बीआरएस को हटाकर कांग्रेस-बीजेपी सत्ता हासिल करने की कोशिश में

बीआरएस ने 2018 के चुनावों में 119 सदस्यीय विधानसभा में 88 सीटें हासिल की थीं. अब यह यहां लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों सत्ता हासिल करने की कोशिश में हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ने पार्टी उम्मीदवार मयनामपल्ली हनुमंत राव के समर्थन में हैदराबाद के मल्काजगिरी निर्वाचन क्षेत्र में एक रोड शो के साथ अपना अभियान समाप्त किया.

बीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गजवेल निर्वाचन क्षेत्र में आखिरी चुनावी रैली की, जहां से वो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. वो कामारेड्डी से भी चुनाव लड़ रहे हैं. उनके बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित किया.

2,290 उम्मीदवार मैदान में

गुरुवार, 30 नवंबर को होने वाले मतदान में 3.26 करोड़ से कुछ अधिक मतदाता वोट डालने के पात्र हैं. 119 सीटों के लिए कुल 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि शाम पांच बजे प्रचार समाप्त हो गया.

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प्रचार के दौरान तीन प्रमुख राजनीतिक दलों और हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेताओं के बीच एक दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला गया.

बीआरएस ने काम के आधार पर मांगा वोट

बीआरएस ने पिछले दो कार्यकालों के दौरान अपने प्रदर्शन के आधार पर नए जनादेश की मांग की है. वहीं कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक में अपनी हालिया सफलता को दोहराने की उम्मीद में छह गारंटियों के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की.

बीजेपी ने विकास की गति को तेज करने के लिए डबल इंजन सरकार के लिए एक मौका मांगा और उसने पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया.

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पारिवारिक शासन और भ्रष्टाचार को लेकर केसीआर पर हमला बोला. बीआरएस ने लोगों को आगाह किया कि कांग्रेस सरकार पिछले एक दशक के दौरान राज्य द्वारा हासिल की गई सभी प्रगति को नष्ट कर देगी. कांग्रेस नेताओं ने बीआरएस, बीजेपी और एआईएमआईएम पर मिलीभगत का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस, बीआरएस और एआईएमआईएम एक साथ मिले हुए हैं.

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राहुल गांधी ने प्रचार अभियान का किया नेतृत्व

राहुल गांधी ने 23 सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया. उनकी बहन प्रियंका गांधी ने 26 रैलियां की. मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में देखे जाने वाले रेवंत रेड्डी ने राज्य के कई हिस्सों में 55 सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अभिनेता-राजनेता विजयशांति, जो हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए, ने भी पार्टी के लिए प्रचार किया.

बीजेपी 111 सीटों पर मैदान में

बीआरएस सभी 119 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के लिए छोड़ी है. बीजेपी ने 111 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े किए हैं और शेष आठ को अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाली अपनी सहयोगी जन सेना पार्टी (जेएसपी) के लिए छोड़ दिया है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

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बीआरएस की सहयोगी एआईएमआईएम नौ निर्वाचन क्षेत्रों में मैदान में है. राज्य के बाकी हिस्सों में उसने बीआरएस को समर्थन देने की घोषणा की है.

बीआरएस के लिए केसीआर ने राज्य भर में 96 चुनावी रैलियां कर अभियान का नेतृत्व किया. उनके बेटे के.टी. रामा राव और भतीजे टी. हरीश राव ने भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक सभाएं की और रोड शो किए.

बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने राज्य भर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया. सोमवार को राज्य में तीन दिवसीय अभियान का समापन करने वाले मोदी ने आठ सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और एक रोड शो किया.

अमित शाह ने 17 चुनावी सभाओं को संबोधित किया

आठ दिनों तक प्रचार करने वाले अमित शाह ने 17 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और सात रोड शो किए. नड्डा ने आठ सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और तीन रोड शो में भाग लिया. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नीतीश गडकरी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, अनुराग सिंह ठाकुर, साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य नेताओं ने पार्टी के लिए प्रचार किया.

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असदुद्दीन औवेसी और उनके भाई अकबरुद्दीन औवेसी ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया. बीएसपी नेता मायावती ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में कुछ सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया.

मुख्यमंत्री केसीआर, रेवंत रेड्डी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, बीजेपी नेता एटाला राजेंदर और बंदी संजय, कांग्रेस नेता और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, मंत्री केटीआर और हरीश राव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं.

वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

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