तेलंगाना चुनाव (Telangana Election) में कांग्रेस ने उलटफेर करते हुए BRS को सत्ता की गद्दी से बेदखल कर दिया है. पिछले 9 साल से सत्ता पर काबिज BRS अब विपक्ष में बैठेगी, लेकिन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM ने कांग्रेस की लहर में भी अपने नांव को बचा लिया. 9 सीटों पर चुनाव लड़ी AIMIM ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है. यानी करीब 80 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की है. AIMIM ने जिन 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था, उनमें से एक सीट पर हिंदू कैंडिडेट था. ओवैसी ने अपने ऊपर से मुस्लिम समाज की पार्टी का तमगा हटाने की कोशिश की और काफी हद तक सफल भी रहे. ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि औवैसी के उस हिंदू उम्मीदवार का क्या हुआ?
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में BRS, अपना किला भले ना बचा पाई हो, लेकिन ओवैसी अपने 'मीनार' को सुरक्षित रखने में कामयाब रहे. इसके अलावा वो दूसरी जगह सेंधमारी करने में भी सफल रहे.
इस चुनाव में ओवैसी ने जिन 9 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें चारमीनार, बहादुरपुरा, मलकपेट, चंद्रयानगुट्टा, नामपल्ली, याकुतपुरा, कारवां, राजेंदर नगर और जुबली हिल्स शामिल हैं. इनमें से 7 सीटों पर पतंग उड़ा और दो सीटों पर उसकी डोर कट गई.
औवेसी की पार्टी की जिन दो सीटों पर डोर कटी उनमें से एक जुबली हिल्स है, जहां से BRS के मगंती गोपीनाथ ने जीत दर्ज की है, और कांग्रेस की तरफ से सीएम की रेस में आगे माने जा रहे अजहरुद्दीन की हार हुई है. यहां से AIMIM 7 हजार से ज्यादा वोट दर्ज किए हैं.
वहीं, दूसरी सीट पर जहां AIMIM की हार हुई है, वो राजेंद्रनगर सीट है. जहां से औवैसी के इकलौते हिंदू उम्मीदवार थे. AIMIM यहां से भले ही हार गई, लेकिन उसने अगले चुनाव के लिए जमीन तैयार कर ली है.
इस सीट से औवैसी ने मंदागिरी स्वामी यादव को मैदान में उतारा था, जो 25 हजार से ज्यादा वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे. यहां से BRS ने जीत दर्ज की. दूसरे स्थान पर बीजेपी और तीसरे स्थान पर कांग्रेस रही.
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