Telangana Election Result 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव का रिजल्ट सामने आ चुका है. कांग्रेस ने बीआरएस को सत्ता से बाहर कर दिया है. ऐसे तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीआरएस के बीच रहा लेकिन दक्षिण के इस राज्य में पिछले चुनाव के मुकाबले अबतक बीजेपी (Telangana BJP) तीन सीट जीत चुकी है और चार सीट पर आगे चल रही है. 2018 के चुनाव में बीजेपी को महज एक सीट मिली थी. गोशामहल से सिर्फ बीजेपी नेता टी राजा सिंह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और पार्टी का वोट शेयर मात्र 7.1 प्रतिशत था. चलिए जानते हैं कि इस बार का बीजेपी का क्या परफॉरमेंस है और बीजेपी के बढ़त के पीछे क्या कारण हैं?
गोशामहल सीट से एक बार फिर टी राजा सिंह (T Raja Singh) ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बीआरएस प्रत्याशी नंद किशोर व्यास को 21457 वोटों से हराया है. अदिलाबाद से बीजेपी के पायल शंकर और आरमुर से बीजेपी की पैदी राकेश रेड्डी भी जीत गए हैं.
हिंदुत्व का मुद्दा भुनाने की कोशिश
बीजेपी ने हिंदुत्व का बड़ा चेहरा सांसद बंडी संजय को करीमनगर से चुनावी मैदान में उतारा. इसके साथ ही, पिछले साल पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित बयान की वजह से सस्पेंड किए गए बीजेपी विधायक राजा सिंह का निलंबन रद्द कर उन्हें गोशामहल से टिकट दिया गया. बीजेपी के ये कदम हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत करने की स्ट्रेटजी के रूप में देखा गया.
बंडी संजय कुमार तेलंगाना में रामराज्य लाने और शिवजी का नाम लेते नजर आए. उन्होंने तेलंगाना के सभी गांवों में मूर्ति स्थापित करने की बात करते हुए कहा था, "हिंदू धर्म को बचाने के लिए हमने शिवाजी की मूर्ति लगाई है. लोगों को ऐसे नेताओं के लिए वोट डालना चाहिए, जो हिंदू धर्म के लिए काम करें." शिवजी के नाम से बीजेपी ने हिंदू वोट अपने पाले में करने की कोशिश की. इसके साथ ही, अमित शाह ने कहा कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतती है तो वे हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करेंगे.
बदली स्ट्रेटजी आई काम
तेलंगाना में बीजेपी की चुनावी रणनीति काम आई. बीजेपी ने चुनाव से पहले बंडी संजय से तेलंगाना का प्रभार वापस लेकर सौम्य छवि वाले जी. किशन रेड्डी को सौंप दिया. इसकी वजह पार्टी में अंदरुनी कलह को दबाना था. ये स्ट्रेटजी काम कर गई. पार्टी ने केसीआर के सामने गजवेल विधानसभा सीट से ईटाला राजेंद्र जैसे मजबूत नेता को उतार दिया. बीजेपी ने केसीआर विरोध के फार्मूले को कायम रखा, साथ ही उसमें हिंदुत्व वाला एंगल भी जोर दिया.
बंदी संजय की यात्रा ने बदला गेम
इसके अलावा, शुरू से ही बंदी संजय ने केसीआर के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाए रखा. दूसरा उन्होंने 82 दिन की प्रजा संग्राम यात्रा निकाला, जिसमें उन्होंने एक हजार किलोमीटर की यात्रा की. इस यात्रा से हाशिये पर पड़ी पार्टी को लोगों से जमीनी स्तर पर संपर्क करने का मौका मिला और पार्टी ने चुनावी मैदान में वापसी की.
केंद्र की योजनाओं को दी तवज्जो
बीजेपी नेताओं और प्रचारकों ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में केंद्र की योजनाओं को जमकर प्रचारित किया. पार्टी ने आर्टिकिल 370 खत्म करने, ट्रिपल तलाक, महिला आरक्षण, किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी देने, सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा करने की बात रखी. कमारेड्डी में पीएम मोदी ने वोट की अपील करते हुए कहा "लोगों ने हमारा ट्रैक रिकॉर्ड देखा है कि बीजेपी जो कहती है, उसे पूरा करती है."
भ्रष्टाचार-परिवारवाद को लेकर जमकर KCR को घेरा
बीजेपी के सभी बड़े नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित जिन्होंने भी तेलंगाना में प्रचार किया, वे सभी लगातार केसीआर पर वंशवाद और करप्शन को लेकर हमलावर रहे. पीएम मोदी ने केसीआर को 'फार्म हाउस वाला सीएम' तक बता दिया.
पीएम मोदी ने तेलंगाना की रैली में यहां तक कहा "KCR ने यहां जो भी घोटाले किए हैं, सत्ता में आने पर बीजेपी सरकार उन सभी की जांच कराएगी. बीआरएस के भ्रष्ट लोगों को जेल भेजने का हमने संकल्प लिया है."
ओबीसी-दलित को साधने की कोशिश, कांग्रेस को बताया ओबीसी विरोधी
राज्य में कुल आबादी में ओबीसी समुदाय का हिस्सा 51 प्रतिशत के लगभग है. वहीं, दलितों की आबादी 17 प्रतिशत के लगभग है. बीजेपी ने इनको साधने की पुरजोर कोशिश की. अमित शाह ने सूर्यापेट की सभा में वादा किया कि अगर बीजेपी जीती तो ओबीसी समुदाय का नेता ही सीएम बनेगा.
इसके अलावा, उन्होंने जनसंख्या में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रखनेवाले मडिगा समुदाय को टारगेट किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में कहा कि केंद्र मडिगा समुदाय के खिलाफ अन्याय को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार कोटा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी.
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