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उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 : ईसाई समुदाय के दिल की बात, क्या है सबसे बड़ी दिक्कत?

यूपी का ईसाई समुदाय सीएम योगी आदित्यनाथ से क्या कहना चाहता है?

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उत्तर प्रदेश में चुनाव है. जमीन पर हकीकत क्या है? इसे जानने के लिए क्विंट की टीम मेरठ पहुंची. यहां ईसाई समुदाय से बातचीत की और उनके मुद्दों को जाना.

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मेरठ में चुनावी मुद्दों पर क्विंट ने ईसाई समुदाय से कई सवाल पूछे, जिनका जवाब देते हुए लोगों ने क्विंट से अपने दिल की बात शेयर की.

सवाल पूछा गया कि क्या वो खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं? जवाब में चर्च के पादरी मनीष ने कहा कि कुछ समय से देश में कुछ ऐसे लोग जो नहीं चाहते कि देश में एकता बनी रहे, उनकी वजह से डर का माहौल बना हुआ है. लेकिन ये बात भी सही है कि भारत एकता में अनेकता वाला देश है, जो हमेशा ऐसा ही रहेगा. वो बात अलग है कि हम लोगों को हमेशा नजर अंदाज किया जाता है. यूनाइटेड क्रिश्चियन एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण स्टीफन ने बताया हमारे बच्चे मेडिकल और शिक्षा के सेक्टर में देश की सेवा में पूरा योगदान दे रहे हैं.

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विधान सभा चुनाव 2022 में उनके मुद्दे क्या हैं? जवाब में शिबरू सोसाइटी के अध्यक्ष सुनील रोबट ने कहा कि किसी भी सरकार के मेनिफेस्टो में ईसाई धर्म के मुद्दों की बात नहीं होती. सरकार सोचती है की ये तो अल्पसंख्यक हैं. इनके वोटों से क्या होगा. हमारे लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है. हमारे अधिकारों का हनन होता है. पादरी मनीष की पत्नी ने कहा, हमें हमारे अधिकार मिलने चाहिए. हम भी इसी देश के नागरिक हैं. ईसाई समुदाय का कहना है कि भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता, हम लोगों ने यहीं पर जन्म लिया. यहीं मर जाएंगे.

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