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भदोही में कड़ी मशक्कत के बाद, तीन सीट में से दो पर NDA का कब्जा

रमेश बिंद के संसदीय क्षेत्र भदोही जिले में भी बीजेपी ने कड़ी मशक्कत के बाद दो सीटों पर प्रदर्शन अच्छा कर पाई

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यूपी(UP) चुनाव के नतीजे आ चुके हैंं. योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) के नेतृत्व में बीजेपी ने राज्य में प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है. रमेश बिंद के संसदीय क्षेत्र भदोही जिले में भी बीजेपी ने कड़ी मशक्कत के बाद दो सीटों पर प्रदर्शन अच्छा कर पाई. भदोही में रमेश बिंद के संसदीय क्षेत्र में तीन सीटों भदोही सदर, ज्ञानपुर, औराई विधानसभा में बीजेपी ने दो सीटों पर कामयाबी हासिल की है. भदोही जिले की सीटों पर चुनाव रमेश बिंद के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न था.सीएम योगी आदित्यनाथ समेत दर्जनों की संख्या में कई नेताओं ने दौरे किए और उनसे माहौल बनाया. निषाद पार्टी + बीजेपी + अपनाद्ल को जीत मिली है.

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किस सीट पर क्या स्थिति

भदोही विधानसभा

भदोही विधानसभा से सपा के जाहिद बेग ने जीत दर्ज की। बीते विधानसभा में जाहिद बेग दूसरे स्थान पर रहे। लेकिन इस बार जाहिद बेग ने 99775 मत पाकर जीत दर्ज की। जबकि भाजपा के रविन्द्र नाथ त्रिपाठी ने 95339 बसपा के हरिशंकर 40627 मत प्राप्त किये। जाहिद बेग 2012 में सपा के सीट पर विधायक चुने गये थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने एक भी सीट नही निकाल सकी थी। लेकिन इस बार भदोही की सीट सपा के खाते में गई

औराई विधानसभा

औराई विधानसभा से दीनानाथ भास्कर दूसरी बार विधायक चुने गये। दीनानाथ भास्कर ने सपा की अंजनी सरोज से 1657 मतों से जीत दर्ज की। भदोही के औराई सुरक्षित सीट से विधायक दीनानाथ भास्कर दूसरी बार विधायक चुने गये। औराई विधानसभा सीट में मतगणना सबसे देर मे समाप्त हुई बाद में औराई विधानसभा का परिणाम घोषित किया गया। हालांकि औराई में सपा की अंजनी सरोज ने भी दीनानाथ भास्कर को काफी टक्कर दी लेकिन दीनानाथ के विजय रथ को न रोक सकी

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ज्ञानपुर विधानसभा

ज्ञानपुर विधानसभा में बीते बीस वर्षों से बाहुबली विजय मिश्र चार बार विधायक रहे लेकिन इस बार के चुनाव निषाद पार्टी के टिकट पर विपुल दूबे ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में विपुल दूबे ने 73210 मत प्राप्त किया जबकि सपा के रामकिशोर बिन्द 66343 मत के साथ दूसरे नंबर पर रहे। जबकि बाहुबली विजय मिश्र 34770 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। ज्ञानपुर विधानसभा में बसपा और कांग्रेस काफी पीछे रही।

भदोही में बीजेपी की जीत के कारण

त्रिकोणीय लड़ाई की बातें हुईं, पर टक्कर तो बीजेपी सपा में ही

1- सबसे चर्चित भदोही विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के जीते उम्मीदवार टिकट बंटवारे के बाद कार्यकर्ताओं ने जमकर मेहनत कर पसीना बहाया, कार्यकर्ताओं में प्रत्याशी को लेकर उत्सुकता बनी रही, सभी कार्यकर्ताओं ने पार्टी की नीतियों अपने घोषणा पत्र का फार्मूला घर घर तक पहुंचाने में कामयाब रहे। जिसके परिणाम में उन्हें जीत मिली। समाजवादी पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब रही।

2- ज्ञानपुर विधानसभा में बाहुबली विजय मिश्रा को ब्राह्मण मतदाता स्वय हराने के लिए विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के विपुल दुबे को वोट किए, हालाकि एनडीए गटबंधन की राह आसान नही था, यहां त्रिकोणीय लड़ाई चल रही थी, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम किशोर बिंद निषाद पार्टी से मतगणना में अंगे निकल गए थे, लेकिन फिर से एक बार निषाद पार्टी के विपुल दुबे लगभग 6 हजार वोट से जीत हासिल किए।

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3- भदोही विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य एरिया है, यहा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेताओं ने प्रचार प्रसार किया था। लेकिन यहां पर एक तरफा समाजवादी पार्टी की जीत हुई।

4- राशन और आवास, किसानों को दो हजार रूपए भी भाजपा की सरकार की कामयाबी मानी जा रही है, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जगह जगह यह कहना 10 मार्च को सरकार बनेगा देख लेंगे, इन्ही सब बातो को जनता ने गंभीरता से लिया और दो विधानसभा सीटों को जीता कर इतिहास रच दिया।

5- विकास का मुद्दा पीछे छूटा , जाति मजहब और धर्म के नाम पर भी लोगों ने वोट दीया, यहां हर विधानसभा में राजपूतों की संख्या बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन राजपूतों ने जमकर लोगो को समझाया, नाराज लोगो के घर घर जाकर बार बार जाकर मनाया। लोगो को समझाया सभी लोगो ने एक होकर वोटिंग किया। जिसकी वजह से मिली बड़ी जीत।

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भदोही के वरिष्ठ पत्रकार उमेश सिंह बताते है, भाजपा ने हिंदू मुस्लिम कार्ड, गुंडाराज को जनता के बीच घर घर पहुंचाया, राशन का भी फैक्टर रहा, बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव लड़ी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेपी नड्डा के साथ दो जगह रैलियां किए थे जिसका प्रभाव पड़ा बीजेपी के पास चेहरों की कमी नहीं थी कोई न कोई नेता हमेशा क्षेत्र में लगा रहता था जिसकी वजह से बीजेपी की दो सीटों पर जीत हुई, विपक्ष के पास अखिलेश यादव के अलावा कोई चेहरा नही था। महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे जनता के बीच में पहुंचा नही पाए जिसके कारण समाजवादी पार्टी चुनाव हारी। कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा नही है। जिस पर जनता विश्वास करे। जिसकी वजह से विपक्ष बीजेपी के सामने धराशाई हो गया।

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