उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके है. बीजेपी (BJP) को एक बार फिर प्रदेश में सरकार बनाने का जनादेश मिला है. इस बीच उत्तर प्रदेश के महराजगंज (Maharajganj) में भी बीजेपी को बढ़त मिली और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) यहां से एक सीट जीतने में कामयाब रही है. महराजगंज में कुल पांच विधानसभा सीटें है जिनमें से चार बीजेपी के खाते में रही है और एक सीट कांग्रेस के खाते में. महराजगंज जिले में एक अजब चुनावी संयोग चलता रहा है कि प्रदेश की सत्ता में जिसका वर्चस्व होता है इस जिले की चुनावी फिजां भी उसकी ओर चल देती है. इसी संयोग केा निभाते हुए महराजगंज ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया है. महराजगंज में कौनसी सीट पर किसका जादू चला आइए आपको बताते हैं.
महराजगंज की किस सीट पर क्या है स्थिति?
सदर विधानसभा सीट
जीते- जयमंगल कन्नौजिया, बीजेपी - 1,36,071
दूसरे - निर्मेष मंगल, निर्दलीय- 59,168
तीसरे - गीता रत्न, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी- 22,395
चौथे- ओमप्रकाश- बीएसपी- 20466
फरेंदा विधानसभा सीट
जीते- वीरेंद्र चौधरी, कांग्रेस - 85,181
दूसरे - बजरंग बहादुर सिंह, बीजेपी - 83,935
तीसरे - ईशू चौरसिया, कांग्रेस - 21,665
चौथे - शंखलाल- एसपी- 16457
नौतनवां विधानसभा सीट
जीते- ऋषि त्रिपाठी, निषाद पार्टी -90,263
दूसरे- कुंवर कौशल सिंह, एसपी - 74,932
तीसरे- अमन मणि त्रिपाठी, बीएसपी- 46128
चौथे- सदा मोहन, कांग्रेस- 5071
सिसवा विधानसभा सीट
जीते- प्रेमसागर पटेल, बीजेपी - 1,26,430
दूसरे- सुशील टिबड़ेवाल, एसपी- 63,935
तीसरे- धीरेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसपी- 33498
चौथे - अजय कुमार श्रीवास्तव, स्वतंत्र - 10727
पनियरा विधानसभा सीट
जीते - ज्ञानेंद्र सिंह, बीजेपी - 1,35,463
दूसरे- कृष्णभान सिंह, एसपी - 74,035
तीसरे- ओमप्रकाश चौरसिया, बीएसपी - 34,829
चौथे - शमशाद आलम, एमआईएम - 3457
हार-जीत के मुख्य कारण
माना जा रहा है कि महराजगंज में बीजेपी की जीत पहले से ही अनुमानित थी. क्योंकि यहां चुनाव मुद्दों पर नहीं बल्कि मोदी-योगी फैक्टर पर लड़ा गया है. और जिले का पुराना रिकॉर्ड रहा है कि प्रदेश में जिस पार्टी का वर्चस्व और लहर रहती है महराजगंज जिले में भी उसी पार्टी को फायदा होता देखा जाता रहा है. जानकारों के अनुसार बीजेपी की चुनावी लहर में बीजेपी को बढ़त का फायदा महराजगंज को साफ मिला है.
महाराजगंज की नौतनवां सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल रही है. इसी सीट की वजह से महराजगंज को बाहुबलियों का गढ़ कहा जाता है. यहां एक समय पूर्वांचल में बाहुबली नेता के रुप में पहचान रखने वाले विरेंद्र शाही, फिर मधुमिता हत्याकांड में दोषी करार दिए गए बाहुबलि अमरमणि त्रिपाठी विधायक बने . 1991 में दबंग नेता अखिलेश सिंह ने भी यह सीट जीती. इस बार उनके बेटे अमरमणि के बेट अमनमणि त्रिपाठी की वजह से यह सीट काफी चर्चा में बनी रही. इस विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी के ऋषि तिवारी ने जीत दर्ज की. वहीं बाहुबली अमन मणि तीसरे स्थान पर रहे.
महराजगंज जिले में सबसे ज्यादा सिसवा विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग हुई और सबसे कम फरेंदा में. महाराजगंज में 63.36 प्रतिशत, नौतनवां में 57.57 प्रतिशत, पनियरा में 56.23 प्रतिशत, फरेंदा में 59.29 प्रतिशत, सिसवा में 51.57 प्रतिशत प्रतिशत मतदान हुआ था.
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