उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) चुनावों में अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे शहरों का खूब शोर उठा. बीजेपी के चुनावी गानों से लेकर चुनावी नारों तक इन शहरों का जिक्र था. जिसका सीधा फायदा भी बीजेपी को मिलता दिखा है. मथुरा में पांचों की पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. यहां 'अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी…' जैसे बीजेपी के स्लोगन ने भी जिले के वोटर्स पर काफी प्रभाव डाला. मथुरा की हर एक सीट पर स्थिति और जीत के कारणों के बारे में हम आपको बताते हैं.
किस विधानसभा पर क्या हालात?
छाता
जीते - लक्ष्मी नारायण, बीजेपी - 124414
दूसरे - तेजपाल सिंह, आरएलडी - 75466
तीसरे- सोनपाल, बीएसपी - 30214
मांट
जीते- राजेश चौधरी, बीजेपी - 83958
दूसरे - श्याम सुन्दर शर्मा, बीएसपी - 74378
तीसरे - डॉक्टर संजय लाठर - 60585
गोवर्धन
जीते - मेघश्याम, बीजेपी - 100199
दूसरे - राजकुमार रावत, बीएसपी -57692
तीसरे - प्रीतम सिंह, आरएलडी - 55679
मथुरा सदर
जीते- श्रीकांत शर्मा, बीजेपी - 158859
दूसरे - प्रदीप माथुर, कांग्रेस पार्टी - 49056
तीसरे - एसके शर्मा, बीएसपी - 31551
बलदेव
जीते - पूरन प्रकाश, बीजेपी - 108414
दूसरे - बबिता देवी, आरएलडी - 83159
तीसरे - अशोक कुमार, बीएसपी - 48370
जीत के कारण
मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बलदेव और बरसाना को तीर्थ स्थल घोषित करना. गोसंरक्षण के लिए जिले नई गोशाला बनवाना और गोशालाओं को अनुदान देना. ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग और पड़ाव स्थलों के विकास की योजना तैयार करना कुछ ऐसे काम है जिनकी बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने मथुरा में जोरदार वापसी की है. मथुरा की ज्ञानवापी मस्जिद का मामला भी उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले गर्माया रहा बीजेपी को मथुरा की चुनावी सीटों में इसका भी.
बीजेपी के राजेश चौधरी ने आठ बार के विधायक रहे श्यामसुंदर शर्मा को मांट विधानसभा से हराकर इतिहास रच दिया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी की मथुरा में जोरदार लहर देखी गई. इसके साथ ही मथुरा में आरएलडी के कमजोर होने का फायदा भी सीधे तौर पर बीजेपी को मिलता दिखा.
यमुना में प्रदूषण और यहां के युवाओं की बेरोजगारी भी काफी बड़े मुद्दे रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह जब यहां आए और कहा कि मथुरा केा अयोध्या और काशी की तरह भव्य बनाएंगे. यमुना में प्रदूषण खत्म कर उसे साफ करेंगे. इस वादे ने अपना रंग दिखाया.
अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी…. बीजेपी के इस स्लोगन ने भी जिले के वोटर्स पर काफी प्रभाव डाला.
श्रीकांत के ऊर्जा मंत्री बनने के बाद मथुरा में बिजली आपूर्ति अच्छी हुई. मथुरा-वृंदावन में कई काम भी हुए. यह भी काम आया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दस वर्ग किमी एरिया को तीर्थस्थल घोषित किया, इसे बीजेपी ने चुनाव में भुनाया.
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